क्या सरकार को बुंदेलखंड राज्य बनाने के लिए कदम आगे बढ़ाना चाहिए? : मुकेश नायक

सारांश
Key Takeaways
- बुंदेलखंड को अलग राज्य बनाने की दिशा में धीरेंद्र शास्त्री की पहल महत्वपूर्ण हो सकती है।
- प्रधानमंत्री मोदी का समर्थन मिलने पर प्रक्रिया सरल हो जाएगी।
- राज्य के विकास के लिए अलग राज्य की आवश्यकता है।
- प्रदेश में गोशालाओं का उचित उपयोग होना चाहिए।
भोपाल, 19 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। पूर्व मंत्री और कांग्रेस पार्टी के मीडिया विभाग के अध्यक्ष मुकेश नायक ने शुक्रवार को बुंदेलखंड को एक अलग राज्य बनाने के लिए बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री को केंद्र सरकार से बातचीत करने की सलाह दी है।
उन्होंने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी उनके बड़े भाई हैं। ऐसे में अगर शास्त्री जी प्रधानमंत्री के पास जाकर बुंदेलखंड को अलग राज्य का दर्जा दिलाने के लिए अनुशंसा करने का आग्रह करते हैं, तो निश्चित तौर पर इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए जा सकेंगे।
उन्होंने कहा कि यदि प्रधानमंत्री शास्त्री जी के कहने पर मुख्यमंत्री मोहन यादव को निर्देश दें कि वे इस संबंध में विधानसभा में एक शासकीय संकल्प पेश करें, तो निश्चित रूप से बुंदेलखंड को अलग राज्य का दर्जा मिल जाएगा। ऐसा होने पर वहां विकास की गति भी तेज होगी।
उन्होंने कहा कि यदि शास्त्री जी इस दिशा में पहल करते हैं, तो बुंदेलखंड के अलग राज्य बनने का रास्ता आसान हो जाएगा। वैसे भी शास्त्री जी भाजपा के लिए काम कर रहे हैं। वे उस पार्टी के कार्यकर्ता हैं। ऐसे में मुझे नहीं लगता कि यदि यह सरकार थोड़ी सी भी पहल करे, तो बुंदेलखंड को अलग राज्य बनाने में कोई बाधा आएगी। मध्य प्रदेश में भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार है, इसलिए यह प्रक्रिया सरल है। कोई दिक्कत नहीं है।
उन्होंने धीरेंद्र शास्त्री के गोशाला बनाने की मांग पर कहा कि यह बहुत अच्छा कदम है। कमलनाथ की सरकार में भी कई बड़े गोशाला बने थे, लेकिन सभी खाली पड़े हैं। यदि इन सभी गोशालाओं का उपयोग किया जाए, तो बेहतर रहेगा। मेरा सीधा सवाल है कि आखिर क्यों इसका उपयोग नहीं किया जा रहा है। मेरी मांग है कि इसका उपयोग किया जाए और प्रदेश में अधिक से अधिक गोशाला बनाई जाए, ताकि गायों को दयनीय दशा का सामना न करना पड़े।