क्या मुख्यमंत्री लघु उद्यमी योजना ने बक्सर के दिव्यांगों के सपनों को नई उड़ान दी?

सारांश
Key Takeaways
- दिव्यांग जनों के लिए आत्मनिर्भरता का अवसर
- 2 लाख रुपए की सहायता राशि
- स्वरोजगार की दिशा में कदम बढ़ाना
- सकारात्मक जीवन परिवर्तन
- मुख्यधारा में समावेशिता
बक्सर, 16 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बिहार सरकार ने दिव्यांग जनों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल की है। मुख्यमंत्री लघु उद्यमी योजना के अंतर्गत दिव्यांग लाभार्थियों को 2 लाख रुपए की सहायता राशि तीन किस्तों में प्रदान की जा रही है। इसी श्रृंखला में पहली किस्त के रूप में 50 हजार रुपए का वितरण किया गया है, जिससे दिव्यांग जनों के सपनों को नई उड़ान मिली है।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित बैठक में जिलाधिकारी तथा लाभार्थी उपस्थित रहे। इस दौरान दिव्यांग संघ के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष हृदया यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की इस योजना की सराहना करते हुए कहा कि बिहार के दिव्यांग जनों की ओर से सरकार को कोटि-कोटि धन्यवाद। उन्होंने कहा कि यह योजना उन लोगों के लिए आशा की किरण है, जो गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा कि हमारा मुद्दा पेंशन नहीं, बल्कि रोजगार है। हमें सरकार से शिक्षा, स्वास्थ्य, रोटी-कपड़ा और मकान चाहिए। इस योजना ने हमारे दिव्यांग भाइयों को स्वरोजगार के क्षेत्र में आगे बढ़ने का अवसर प्रदान किया है। उन्हें ट्रेनिंग मिल रही है और उद्योग स्थापित हो रहे हैं, जिससे उनके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आ रहा है।
इस योजना का लाभ उठाकर कई दिव्यांग जन अब स्वरोजगार की दिशा में सफल कदम बढ़ा रहे हैं। बक्सर के लाभार्थी अभिषेक ने 'न्यू गुप्ता लाइन होटल' की शुरुआत की है। उनके पिता हरेंद्र शाह ने बताया कि मुख्यमंत्री लघु उद्यमी योजना से मिली पहली किस्त ने उनके बेटे के व्यवसाय को मजबूती दी है।
हरेंद्र शाह ने कहा कि हमारे बेटे ने अपने दम पर होटल खोला है। सरकार की सहायता से उसे आगे बढ़ने का एक सुनहरा मौका मिला है। हम इसके लिए आभार व्यक्त करते हैं।
लाभार्थी अगस्त उपाध्याय और विष्णु पासवान ने भी सरकार की योजना की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस योजना ने उनके आत्मसम्मान को बढ़ाया है और उन्हें मुख्यधारा से जोड़ने का एक अवसर प्रदान किया है।
एक अन्य लाभार्थी ने कहा कि मुख्यमंत्री लघु उद्यमी योजना निश्चित रूप से बिहार के दिव्यांग जनों के लिए एक नया उजाला लेकर आई है। रोजगार, सम्मान और आत्मनिर्भरता की दिशा में यह पहल एक प्रेरणा है, जो आने वाले समय में लाखों दिव्यांग जनों के जीवन में परिवर्तन ला सकती है।