क्या कैबिनेट ने अरुणाचल प्रदेश में 8,146 करोड़ रुपए की 700 मेगावाट जलविद्युत परियोजना को मंजूरी दी?

सारांश
Key Takeaways
- 700 मेगावाट की स्थापित क्षमता
- 8,146 करोड़ रुपए का निवेश
- स्थानीय विकास और रोजगार के अवसर
- 12% मुफ्त बिजली
- संवृद्धि के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार
नई दिल्ली, 12 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीईए) ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए मंगलवार को अरुणाचल प्रदेश के शि योमी जिले में तातो-II हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट (एचईपी) के निर्माण हेतु 8,146.21 करोड़ रुपए के निवेश को स्वीकृति प्रदान की है।
इस परियोजना को पूरा करने में अनुमानित 72 महीने का समय लगेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई सीसीईए की बैठक में कहा गया कि यह परियोजना 700 मेगावाट (4 x 175 मेगावाट) की स्थापित क्षमता के साथ 2738.06 मिलियन यूनिट ऊर्जा का उत्पादन करेगी।
इस परियोजना से उत्पन्न होने वाली बिजली न केवल अरुणाचल प्रदेश में बिजली आपूर्ति की स्थिति में सुधार लाएगी, बल्कि नेशनल ग्रिड को भी संतुलित करने में सहायता करेगी।
यह परियोजना नॉर्थ ईस्टर्न इलेक्ट्रिक पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एनईईपीसीओ) और अरुणाचल प्रदेश सरकार के बीच एक संयुक्त उद्यम के तहत क्रियान्वित की जाएगी।
केंद्र सरकार 458.79 करोड़ रुपए की बजटीय सहायता प्रदान करेगा, जो कि सड़कों, पुलों और संबंधित ट्रांसमिशन लाइनों के निर्माण में लगेगा, साथ ही राज्य की इक्विटी हिस्सेदारी के लिए 436.13 करोड़ रुपए की केंद्रीय वित्तीय सहायता भी दी जाएगी।
सीसीईए के अनुसार, राज्य को 12 प्रतिशत मुफ्त बिजली और स्थानीय क्षेत्र विकास निधि (एलएडीएफ) के लिए 1 प्रतिशत की राशि का लाभ मिलेगा, जिससे क्षेत्र के इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार और सामाजिक-आर्थिक विकास होगा।
इस परियोजना के तहत लगभग 32.88 किलोमीटर सड़कों और पुलों का विकास होगा, जो अधिकांशतः स्थानीय उपयोग के लिए उपलब्ध होंगे।
जिले को आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे अस्पताल, स्कूल, बाजार, खेल के मैदान आदि के निर्माण से भी लाभ होगा, जिनकी फाइनेंसिंग 20 करोड़ रुपए की समर्पित परियोजना निधि से की जाएगी।
सीसीईए के अनुसार, स्थानीय आबादी को कई प्रकार के मुआवजे, रोजगार और सीएसआर गतिविधियों से भी लाभ होगा।