क्या कैबिनेट ने चार महत्वपूर्ण खनिजों के लिए रॉयल्टी दरों को तर्कसंगत बनाने की मंजूरी दी?

Click to start listening
क्या कैबिनेट ने चार महत्वपूर्ण खनिजों के लिए रॉयल्टी दरों को तर्कसंगत बनाने की मंजूरी दी?

सारांश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में चार महत्वपूर्ण खनिजों के लिए रॉयल्टी दरों को तर्कसंगत बनाने का निर्णय लिया गया। इस निर्णय से खनिजों की नीलामी की प्रक्रिया तेज होगी, जिससे घरेलू उत्पादन और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। जानें इस महत्वपूर्ण फैसले के बारे में।

Key Takeaways

  • कैबिनेट ने चार खनिजों के लिए रॉयल्टी दरें निर्धारित की हैं।
  • यह निर्णय क्रिटिकल मिनरल्स मिशन के तहत लिया गया है।
  • इससे खनिजों की नीलामी की प्रक्रिया में तेजी आएगी।
  • घरेलू उत्पादन बढ़ेगा और रोजगार के अवसर सृजित होंगे।
  • भारत ग्रेफाइट के 60 प्रतिशत का आयात करता है।

नई दिल्ली, 12 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक आयोजित की गई। इस दौरान दिल्ली धमाके की कड़ी निंदा के साथ-साथ कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव भी पारित किए गए। कैबिनेट ने चार महत्वपूर्ण खनिजों - ग्रेफाइट, सीजियम, रुबिडियम और जिरकोनियम के लिए रॉयल्टी दरों को तर्कसंगत बनाने की मंजूरी दे दी।

केंद्र सरकार ने दुर्लभ खनिजों को लेकर भी एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। केंद्रीय कैबिनेट ने ग्रेफाइट, सीजियम, रुबिडियम और जिरकोनियम जैसे महत्वपूर्ण खनिजों पर रॉयल्टी दरें निर्धारित की हैं। यह निर्णय क्रिटिकल मिनरल्स मिशन के अंतर्गत लिया गया है। इस निर्णय के फलस्वरूप इन खनिजों के ब्लॉक की नीलामी की प्रक्रिया तेज होने की उम्मीद है। इससे लिथियम, टंगस्टन, दुर्लभ पृथ्वी तत्व और नाइओबियम जैसे अन्य महत्वपूर्ण खनिजों को भी लाभ मिलेगा।

संशोधित रॉयल्टी दरों के अनुसार, सीजियम और रुबिडियम पर, प्रत्येक पर उत्पादित अयस्क में निहित संबंधित धातु के औसत विक्रय मूल्य (एएसपी) के आधार पर 2 प्रतिशत रॉयल्टी लगेगी।

कैबिनेट के अनुसार जिरकोनियम पर एएसपी की 1 प्रतिशत रॉयल्टी दर होगी। जबकि ग्रेफाइट पर 80 प्रतिशत या उससे अधिक स्थिर कार्बन वाले अयस्क के लिए एएसपी का 2 प्रतिशत और 80 प्रतिशत से कम स्थिर कार्बन वाले अयस्क के लिए 4 प्रतिशत रॉयल्टी दर लागू की जाएगी।

सरकार का मानना है कि ग्रेफाइट पर एड वेरोरम (बाजार मूल्य के अनुसार) रॉयल्टी तय करने से विभिन्न ग्रेड के ग्रेफाइट के मार्केट रेट के अनुसार रॉयल्टी का संबंध होगा। इससे घरेलू उत्पादन में वृद्धि होगी और आयात पर निर्भरता कम होगी। सप्लाई चेन की समस्याएँ भी कम होंगी और नौकरियों के अवसर पैदा होंगे।

ग्रेफाइट, इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) बैटरी के लिए एक महत्वपूर्ण घटक है। यह मुख्य रूप से एनोड सामग्री के रूप में कार्य करता है, जिससे उच्च चालकता और चार्ज क्षमता प्राप्त होती है। हालांकि, भारत ग्रेफाइट की अपनी आवश्यकता का 60 प्रतिशत आयात करता है। वर्तमान में, देश में ग्रेफाइट की नौ खदानों में कार्य चल रहा है और 27 ब्लॉकों की सफलतापूर्वक नीलामी की जा चुकी है। इसके अलावा, जीएसआई और एमईसीएल ने 20 से अधिक ग्रेफाइट ब्लॉक सौंपे हैं, जिनकी नीलामी की जाएगी और लगभग 26 ब्लॉकों की खोज की जा रही है।

जिरकोनियम एक बहुमुखी धातु है और इसका उपयोग विभिन्न उद्योगों में होता है, जैसे कि परमाणु ऊर्जा, एयरोस्पेस, स्वास्थ्य देखभाल और विनिर्माण। असाधारण संक्षारण प्रतिरोध और उच्च तापमान स्थिरता के कारण सीजियम का उपयोग मुख्यतः उच्च तकनीक वाले इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में किया जाता है, विशेष रूप से परमाणु घड़ियों, जीपीएस सिस्टम, अन्य उच्च परिशुद्धता उपकरणों और कैंसर चिकित्सा में। रुबिडियम का उपयोग फाइबर ऑप्टिक्स, दूरसंचार प्रणाली, नाइट विजन उपकरणों आदि में विशेष चश्मे बनाने के लिए किया जाता है।

हाल ही में, केंद्र सरकार ने महत्वपूर्ण खनिज ब्लॉकों की नीलामी के छठे चरण के लिए 16 सितंबर को एनआईटी जारी की है। इसमें ग्रेफाइट के पांच ब्लॉक, रुबिडियम के दो ब्लॉक और सीजियम और जिरकोनियम के एक ब्लॉक भी शामिल हैं। रॉयल्टी की दर पर केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी मिलने के बाद, बोली लगाने वालों को नीलामी में अपनी वित्तीय बोलियां तर्कसंगत रूप से जमा करने में सहायता मिलेगी।

Point of View

बल्कि रोजगार के नए अवसर भी पैदा करेगा। यह निर्णय भारतीय अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने में सहायक सिद्ध होगा।
NationPress
12/11/2025

Frequently Asked Questions

कैबिनेट ने किन खनिजों के लिए रॉयल्टी दरें निर्धारित की हैं?
कैबिनेट ने ग्रेफाइट, सीजियम, रुबिडियम और जिरकोनियम के लिए रॉयल्टी दरें निर्धारित की हैं।
इन खनिजों की रॉयल्टी दरें क्या होंगी?
सीजियम और रुबिडियम पर 2 प्रतिशत, जिरकोनियम पर 1 प्रतिशत और ग्रेफाइट पर 2-4 प्रतिशत की दरें होंगी।
इस फैसले से क्या लाभ होगा?
इस फैसले से खनिजों की नीलामी तेज होगी, घरेलू उत्पादन बढ़ेगा और आयात पर निर्भरता कम होगी।