क्या सीबीआई और वित्तीय सेवा विभाग की बैठक से अंतरविभागीय सहयोग बढ़ेगा?
सारांश
Key Takeaways
- सीबीआई और डीएफएस के बीच सहयोग बढ़ाना
- बैंक धोखाधड़ी की जांच में तेजी लाना
- भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करना
- साइबर धोखाधड़ी के खिलाफ ठोस कदम उठाना
- संस्थानिक समन्वय को मजबूत करना
नई दिल्ली, 22 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। सीबीआई, वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) के अधिकारियों और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के मुख्य सतर्कता अधिकारियों के बीच सोमवार को चेन्नई में एक समन्वय बैठक आयोजित की गई।
इस बैठक में, सीबीआई द्वारा बैंक धोखाधड़ी की चल रही जांच और अभियोजन से संबंधित सभी लंबित मामलों पर चर्चा की गई। सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य अंतरविभागीय सहयोग बढ़ाना और बैंक धोखाधड़ी मामलों में तेजी लाना था।
बैठक के दौरान, सीबीआई और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के वरिष्ठ अधिकारियों ने महत्वपूर्ण संचालन मुद्दों पर विस्तृत प्रस्तुतियां दीं। अधिकारियों ने विशिष्ट विवरणों का आदान-प्रदान किया और लंबित जांचों को तेज करने के लिए आगे की रणनीति पर विचार-विमर्श किया। भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत पूर्व स्वीकृतियों और अभियोजन संबंधी मंजूरी से संबंधित प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने और सक्रिय सहयोग सुनिश्चित करने के लिए प्रयास किए गए।
साइबर धोखाधड़ी में इस्तेमाल किए जा रहे फर्जी खातों और उन्हें रोकने के उपायों पर भी चर्चा की गई।
सीबीआई और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के बीच चल रही जांचों से संबंधित कई लंबित मुद्दों का समाधान किया गया। जांचों में तेजी लाने, लंबित मुद्दों को हल करने और समय पर जांचें पूरी करने के लिए समर्पित जुड़ाव और संस्थागत समन्वय जारी रखने पर जोर दिया गया। प्रक्रियात्मक बाधाओं को दूर करने के लिए गति बनाए रखने और संस्थागत सहयोग को मजबूत करने पर सहमति बनी।
सीबीआई के बैंकिंग धोखाधड़ी जांच प्रभाग के वरिष्ठ अधिकारी, वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी, और सभी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के सीवीओ ने इस बैठक में भाग लिया।