क्या एमएसएमई सेक्टर पर योगी सरकार का बड़ा भरोसा, अनुपूरक बजट में ठोस आर्थिक समर्थन?

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क्या एमएसएमई सेक्टर पर योगी सरकार का बड़ा भरोसा, अनुपूरक बजट में ठोस आर्थिक समर्थन?

सारांश

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा एमएसएमई सेक्टर के लिए किए गए ठोस प्रावधानों से रोजगार और निवेश में वृद्धि की उम्मीद है। योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में, यह कदम प्रदेश को आर्थिक विकास की नई ऊंचाइयों पर ले जाने का संकेत है।

Key Takeaways

  • एमएसएमई का महत्व अर्थव्यवस्था में
  • सुरक्षित वातावरण के लिए योगी सरकार की पहल
  • वित्तीय सहायता और प्रोत्साहन की राशि
  • उद्योगों को समय पर मार्गदर्शन
  • नए रोजगार सृजन की संभावनाएँ

लखनऊ, 22 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार ने एमएसएमई (माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज) सेक्टर को सशक्त बनाने के लिए अनुपूरक बजट में स्पष्ट और ठोस प्रावधान किए हैं।

प्रदेश सरकार का मानना है कि एमएसएमई अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और इसके सशक्त होने से रोजगार और निवेश का विस्तार संभव है। लघु उद्योग भारती, उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष रविंद्र सिंह ने कहा कि “उत्तर प्रदेश सरकार की निवेश-अनुकूल नीतियों और नए अनुपूरक बजट प्रावधानों से एमएसएमई को बढ़ावा और प्रोत्साहन मिलेगा। उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में यह एक प्रभावी कदम है। सबसे बड़ी बात यह है कि योगी सरकार ने उद्यमियों और उद्योगों को सुरक्षित वातावरण देने का काम किया है।”

एमएसएमई से जुड़े कार्यालयी तंत्र को मजबूत करने के लिए जिला उद्योग केंद्र के अधिष्ठान व्यय हेतु 1.5 करोड़ रुपए तथा उद्योग निदेशालय के अधिष्ठान व्यय के लिए भी 1.5 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इससे जिलों में उद्यमियों को समय पर मार्गदर्शन, स्वीकृति और योजनाओं का लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का मानना है कि मजबूत कार्यालयी व्यवस्था से ही ईज ऑफ डूइंग बिजनेस जमीन पर दिखाई देगा।

औद्योगिक निवेश और रोजगार को बढ़ावा देने के लिए औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति-2022 के अंतर्गत 823.43 करोड़ रुपए की अतिरिक्त धनराशि प्रस्तावित की गई है। इस राशि का बड़ा हिस्सा एमएसएमई इकाइयों को पूंजी निवेश, सब्सिडी, ब्याज अनुदान और रोजगार सृजन से जुड़े प्रोत्साहनों के रूप में मिलेगा। इसके साथ ही औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति-2017 के लिए 300 करोड़ रुपए और अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास नीति-2012 के लिए 100 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है, जिससे छोटे और मध्यम उद्योगों को बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध होंगी।

एमएसएमई सेक्टर को बड़े निवेश से जोड़ने के लिए फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट और फॉर्च्यून-500 कंपनियों की निवेश प्रोत्साहन नीति-2023 के अंतर्गत 371.69 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। इसका अप्रत्यक्ष लेकिन महत्वपूर्ण लाभ एमएसएमई इकाइयों को सप्लाई चेन, वेंडर डेवलपमेंट और निर्यात के रूप में मिलेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में एमएसएमई सेक्टर को ठोस बजटीय समर्थन मिला है। यही कारण है कि प्रदेश तेजी से एमएसएमई हब के रूप में उभर रहा है और आने वाले समय में लाखों नए रोजगार सृजित होने की उम्मीद है। वर्तमान में प्रदेश में लगभग 96 लाख एमएसएमई हैं।

Point of View

NationPress
22/12/2025

Frequently Asked Questions

योगी सरकार ने एमएसएमई सेक्टर के लिए क्या प्रावधान किए हैं?
योगी सरकार ने एमएसएमई सेक्टर के लिए अनुपूरक बजट में 823.43 करोड़ रुपए की राशि और अन्य सुविधाओं का प्रावधान किया है।
एमएसएमई सेक्टर में कितनी इकाइयाँ हैं?
उत्तर प्रदेश में वर्तमान में लगभग 96 लाख एमएसएमई इकाइयाँ हैं।
सरकार की नीतियों का एमएसएमई पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
सरकार की नीतियों से एमएसएमई को रोजगार और निवेश में वृद्धि होने की उम्मीद है।
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