क्या सीबीआई ने साइबर अपराधियों पर शिकंजा कसा? 5 राज्यों में छापेमारी, 9 गिरफ्तार

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क्या सीबीआई ने साइबर अपराधियों पर शिकंजा कसा? 5 राज्यों में छापेमारी, 9 गिरफ्तार

सारांश

सीबीआई ने साइबर अपराधियों पर शिकंजा कसते हुए एक ऑपरेशन चक्र-5 के तहत 5 राज्यों में छापेमारी की। यह कार्रवाई 42 ठिकानों पर की गई, जिसमें 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। जानें इस मामले की संपूर्ण जानकारी।

Key Takeaways

  • सीबीआई ने 42 ठिकानों पर छापेमारी की।
  • 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।
  • साइबर अपराधों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है।
  • 700 से अधिक बैंक शाखाओं में म्यूल अकाउंट्स का खुलासा हुआ।
  • भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत भी मामले दर्ज किए गए हैं।

नई दिल्ली, 26 जून (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने साइबर अपराधों और डिजिटल अरेस्ट स्कैम्स के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए व्यापक कार्रवाई की। ऑपरेशन चक्र-5 के अंतर्गत, सीबीआई ने राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में 42 स्थानों पर एक साथ छापे मारे।

यह कार्रवाई उन म्यूल बैंक खातों के खिलाफ की गई है, जो संगठित साइबर अपराधियों द्वारा यूपीआई धोखाधड़ी, फर्जी विज्ञापनों, निवेश धोखाधड़ी और डिजिटल अरेस्ट स्कैम्स में उपयोग किए जा रहे थे।

सीबीआई की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि देशभर में 700 से अधिक बैंक शाखाओं में लगभग 8.5 लाख म्यूल अकाउंट्स खोले गए थे। ये खाते या तो फर्जी केवाईसी के आधार पर खोले गए या फिर ग्राहक सत्यापन और जोखिम मूल्यांकन की प्रक्रियाओं को पूरी तरह से नजरअंदाज किया गया।

बैंक प्रबंधकों ने संदिग्ध लेनदेन पर कोई गंभीरता नहीं दिखाई और कई मामलों में खाताधारकों को पहचान पत्र या धन्यवाद पत्र तक नहीं भेजे गए, जो नियमों का उल्लंघन है।

सीबीआई के अनुसार, इस पूरे घोटाले में कुछ बैंक अधिकारियों, एजेंटों, बैंक कॉरेस्पॉन्डेंट्स, ई-मित्रों और बिचौलियों की मिलीभगत पाई गई है। ये लोग म्यूल खातों को खोलने और साइबर फ्रॉड की रकम को ठिकाने लगाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे थे।

सीबीआई ने इस मामले में 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें एजेंट, मिडिल मैन, खाता धारक, एग्रीगेटर और बैंक कर्मी शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, जांच एजेंसी ने मोबाइल फोन, खाता खोलने से जुड़े दस्तावेज, लेन-देन विवरण, केवाईसी दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य भी जब्त किए हैं।

सीबीआई ने इस मामले में आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी, जालसाजी और जाली दस्तावेज के प्रयोग जैसे गंभीर अपराधों के तहत एफआईआर दर्ज की है। इसके साथ ही भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत बैंक अधिकारियों के खिलाफ भी मामले दर्ज किए गए हैं।

सीबीआई ने अपने प्रेस बयान में कहा कि यह कार्रवाई भारत सरकार के साइबर अपराधों के खिलाफ सख्त रुख और ऐसे अपराधों की जड़ों को खत्म करने की प्रतिबद्धता का हिस्सा है। गिरफ्तार आरोपियों को अदालत में पेश किया गया है और जांच अब भी जारी है।

Point of View

बल्कि यह भी दर्शाती है कि कैसे संगठित अपराधियों ने बैंकिंग प्रणाली का दुरुपयोग किया है। यह सीबीआई द्वारा उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है, जो हमें साइबर अपराधों के खिलाफ एकजुट रहने की आवश्यकता की याद दिलाता है।
NationPress
21/07/2025

Frequently Asked Questions

सीबीआई ने कितने आरोपियों को गिरफ्तार किया?
सीबीआई ने 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें एजेंट, मिडिल मैन, खाता धारक, एग्रीगेटर और बैंक कर्मी शामिल हैं।
इस ऑपरेशन का नाम क्या है?
इस ऑपरेशन का नाम 'ऑपरेशन चक्र-5' है।
सीबीआई ने किन राज्यों में छापेमारी की?
सीबीआई ने राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में छापेमारी की।
इस कार्रवाई का मुख्य उद्देश्य क्या था?
इस कार्रवाई का मुख्य उद्देश्य संगठित साइबर अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करना और म्यूल बैंक खातों का पता लगाना था।
क्या सीबीआई ने किसी बैंक अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की?
हाँ, सीबीआई ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कुछ बैंक अधिकारियों के खिलाफ भी मामले दर्ज किए हैं।