क्या सीबीआई ने टीएमसी विधायक सुदीप्तो रॉय के घर पर छापा मारा?

सारांश
Key Takeaways
- सीबीआई की कार्रवाई ने भ्रष्टाचार के खिलाफ एक सख्त संदेश दिया है।
- टीएमसी विधायक सुदीप्तो रॉय की छवि पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।
- महिला डॉक्टर की हत्या के पीछे की सच्चाई अभी भी सामने आनी बाकी है।
- राजनीतिक दबाव और जांच की निष्पक्षता पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
- स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की जरूरत को उजागर किया गया है।
कोलकाता, 23 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के अधिकारियों ने शनिवार को आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में भ्रष्टाचार के मामले में तृणमूल कांग्रेस के विधायक सुदीप्तो रॉय के निवास पर छापेमारी की।
जानकारी के मुताबिक, सीबीआई के दो अधिकारी दोपहर के समय कोलकाता के उत्तरी बाहरी इलाके सिंथी में सुदीप्तो रॉय के घर पहुंचे, लेकिन इस दौरान विधायक वहां उपस्थित नहीं थे।
यह ध्यान देने योग्य है कि सुदीप्तो रॉय आरजी कर रोगी कल्याण संघ के अध्यक्ष रह चुके हैं। पिछले वर्ष आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के मामले के बाद, सुदीप्तो की जगह टीएमसी नेता शांतनु सेन को नियुक्त किया गया था।
इस बीच, सुदीप्तो रॉय लंबे समय से सीबीआई की जांच के घेरे में हैं। डॉक्टरों के एक समूह ने दावा किया था कि महिला डॉक्टर की मृत्यु एक संस्थागत हत्या थी और उन्होंने सरकारी अस्पताल में भ्रष्टाचार के आरोप भी लगाए थे। इसी दौरान टीएमसी विधायक सीबीआई के रडार पर आए।
पिछले वर्ष सितंबर में, सीबीआई की अपराध निरोधक शाखा के अधिकारियों ने उनके सिंथी स्थित निवास की तलाशी ली थी।
उस समय, विपक्ष के नेता शुवेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया था कि सुदीप्तो ने आरजी कर अस्पताल के उपकरण अपने नर्सिंग होम में स्थानांतरित किए थे, जो उनके घर से सटा हुआ है। इस संदर्भ में सुदीप्तो रॉय ने कहा कि उन्होंने 1984 में नर्सिंग होम का निर्माण किया था।
पिछले वर्ष 9 अगस्त को आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के सेमिनार हॉल से एक स्नातकोत्तर प्रशिक्षु का शव बरामद किया गया था।
इस घटना ने हड़कंप मचा दिया था, जिसके बाद बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए।
हालांकि, इस मामले में एकमात्र दोषी, सिविक वॉलंटियर संजय रॉय को ट्रायल कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई, लेकिन एक वर्ष बाद भी सीबीआई इस अपराध के पीछे की बड़ी साजिश की जांच पूरी नहीं कर पाई है।