क्या झारखंड के पूर्व सीएम चंपई सोरेन ने राज्य में एसआईआर की मांग उठाई?

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क्या झारखंड के पूर्व सीएम चंपई सोरेन ने राज्य में एसआईआर की मांग उठाई?

सारांश

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने विधानसभा में विशेष मतदाता पुनरीक्षण की मांग की है। क्या यह जनसांख्यिकीय बदलावों के मद्देनजर आवश्यक है? आइए जानते हैं सोरेन की इस अपील के पीछे की वजहें और राज्य में चल रहे विवादों पर उनके विचार।

Key Takeaways

  • विशेष मतदाता पुनरीक्षण की आवश्यकता है।
  • राज्य में जनसांख्यिकीय बदलाव हो चुका है।
  • सोरेन ने सीबीआई जांच की मांग की है।
  • भूमि अधिग्रहण कानून का उल्लंघन हो रहा है।
  • आदिवासी और मूलनिवासी जमीनों की रक्षा आवश्यक है।

रांची, 22 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता चंपई सोरेन ने राज्य में जल्द विशेष मतदाता पुनरीक्षण कराने की अपील की है। विधानसभा में पूरक मानसून सत्र की कार्यवाही में शामिल होने पहुंचे सोरेन ने मीडिया से बातचीत में कहा कि जिस तरह राज्य में जनसांख्यिकीय बदलाव हुआ है, उसके बाद झारखंड में भी एसआईआर कराना बेहद जरूरी है।

उन्होंने बिहार में एसआईआर का विरोध कर रहे राजनीतिक दलों की मंशा पर सवाल उठाया। सोरेन ने कहा कि चुनाव आयोग ने कुल 65 लाख वोटर हटाए हैं, जिनमें से करीब 22 लाख ऐसे हैं, जिनकी मौत हो चुकी है। बाकी बचे लोगों में से 7 लाख से ज्यादा लोग एक से ज्यादा जगह पर रजिस्टर्ड वोटर हैं। ऐसे में बाकी बचे 35 लाख लोग कौन हैं? ऐसे लोग सामने क्यों नहीं आते?

पूर्व मुख्यमंत्री ने राज्य के गोड्डा में आदिवासी नेता सूर्या हांसदा के मुठभेड़ में मारे जाने पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि पुलिस ने फर्जी मुठभेड़ में उनकी हत्या की है और सरकार इस मामले की लीपापोती करना चाहती है।

सोरेन ने कहा कि इस घटना की निष्पक्ष जांच सिर्फ सीबीआई द्वारा ही संभव है। चंपई सोरेन ने रांची के नगड़ी में रिम्स-2 मेडिकल कॉलेज प्रोजेक्ट के नाम पर आदिवासियों और मूलवासियों की उपजाऊ जमीन पर कब्जे का आरोप लगाया।

उन्होंने कहा कि सरकार जो कुछ कर रही है, वह भूमि अधिग्रहण कानून 2013 के नियमों का उल्लंघन है। सोरेन ने सवाल उठाया कि जब राजधानी रांची में कई सरकारी जमीनें खाली पड़ी हैं तो सरकार नगड़ी की खेती योग्य जमीन पर ही अस्पताल क्यों बनाना चाहती है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि वे विकास परियोजनाओं के खिलाफ नहीं हैं, बल्कि आदिवासी और मूलनिवासी की खेती योग्य जमीन बचाने की लड़ाई जरूर लड़ेंगे। सोरेन ने 24 अगस्त को 'रिम्स टू' के लिए चिन्हित जमीन पर हल जोतने का ऐलान किया है।

Point of View

यह स्पष्ट है कि झारखंड में चंपई सोरेन की मांग महत्वपूर्ण है। यहां की जनसंख्या में बदलाव के चलते मतदाता पुनरीक्षण की आवश्यकता है। इसके साथ ही, आदिवासी मुद्दों पर उनकी चिंता भी दर्शाती है कि सरकार को सही तरीके से भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया का पालन करना चाहिए।
NationPress
23/08/2025

Frequently Asked Questions

चंपई सोरेन ने एसआईआर की मांग क्यों की?
चंपई सोरेन ने कहा कि राज्य में जनसांख्यिकीय बदलावों के कारण एसआईआर की आवश्यकता है।
बिहार में एसआईआर का विरोध क्यों हो रहा है?
विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा एसआईआर का विरोध किया जा रहा है, जिसे सोरेन ने सवाल उठाया।
क्या सोरेन विकास परियोजनाओं के खिलाफ हैं?
नहीं, सोरेन विकास परियोजनाओं के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन वे आदिवासी जमीनों की रक्षा के लिए संघर्ष करेंगे।
सोरेन ने कब हल जोतने का ऐलान किया?
सोरेन ने 24 अगस्त को 'रिम्स टू' के लिए चिन्हित जमीन पर हल जोतने का ऐलान किया।
सीबीआई जांच की मांग क्यों की गई?
सोरेन ने आदिवासी नेता सूर्या हांसदा की हत्या मामले में निष्पक्ष जांच के लिए सीबीआई की मांग की है।