क्या राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 'चाणक्य डिफेंस डायलॉग' में मुख्य अतिथि होंगी?
सारांश
Key Takeaways
- चाणक्य डिफेंस डायलॉग 27 और 28 नवंबर को होगा।
- मुख्य अतिथि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू होंगी।
- इस वर्ष का मुख्य विषय 'रिफार्म टू ट्रांसफॉर्म' है।
- राष्ट्रीय सुरक्षा और आत्मनिर्भरता पर चर्चा की जाएगी।
- दुनिया भर के रक्षा विशेषज्ञ इस संवाद में भाग लेंगे।
नई दिल्ली, 26 नवंबर (राष्ट्र प्रेस) भारतीय सेना का एक महत्वपूर्ण संवाद 'चाणक्य डिफेंस डायलॉग' होने जा रहा है। गुरुवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू इस संवाद में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगी। इस अवसर पर सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी, शीर्ष सेना कमांडर्स, नीति आयोग के सीईओ, रक्षा सचिव और कई वरिष्ठ अधिकारी, साथ ही देश-विदेश के रक्षा विशेषज्ञ और महत्वपूर्ण हस्तियां उपस्थित रहेंगी।
इस वर्ष 'चाणक्य डिफेंस डायलॉग' का मुख्य विषय 'रिफार्म टू ट्रांसफॉर्म - सशक्त, सुरक्षित और विकसित भारत' है। यह आयोजन 27 और 28 नवंबर को आयोजित होगा। यहां 'ऑपरेशन सिंदूर' पर विशेष चर्चा भी की जाएगी।
2025 में 'चाणक्य डिफेंस डायलॉग' में राष्ट्रीय सुरक्षा, आत्मनिर्भरता और भविष्य की युद्ध रणनीतियों पर विशेष सत्र आयोजित किए जाएंगे। इन सत्रों में भारत की सुरक्षा क्षमता, आतंकवाद के खिलाफ रणनीतिक पहल, भविष्य के संघर्षों की रूपरेखा और वर्ष 2047 तक विकसित भारत के प्रयासों पर चर्चा होगी।
इस विशेष सत्र में भारत की रणनीतिक क्षमता और आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कदमों पर विचार होगा। प्रमुख विषय वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई का नया स्वरूप होगा। तनाव बढ़ने की स्थिति में रणनीतिक बढ़त बनाए रखना और दक्षिण एशिया में आतंकवाद को रोकने की नई रूपरेखा जैसे विषयों पर मंथन किया जाएगा।
रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए नए रक्षा सुधारों पर विशेष जानकारी देंगे। उनका संबोधन सेना के आधुनिकीकरण, रक्षा संरचना में सुधार और स्वदेशी रक्षा क्षमताओं को बढ़ावा देने पर केंद्रित होगा।
इस संवाद के मुख्य बिंदु भविष्य के युद्धों का नया स्वरूप और सैन्य परिवर्तन तथा स्वदेशीकरण के माध्यम से देश को सशक्त बनाना होंगे। चाणक्य डिफेंस डायलॉग 2025 भारत की सुरक्षा, स्वदेशी तकनीक, रक्षा सुधार और भविष्य की रणनीतियों पर व्यापक मंथन का एक महत्वपूर्ण मंच साबित होगा।
यह डायलॉग उस रणनीतिक दृष्टि को दर्शाता है जिसके अनुसार व्यापक सुधार ही भविष्य की रक्षा संरचना को और मजबूत बना सकते हैं। भारतीय सेना के अनुसार यह थीम इस बात पर बल देती है कि 21वीं सदी की सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने के लिए संरचनात्मक, तकनीकी और संस्थागत बदलाव अनिवार्य हैं। चाणक्य डिफेंस डायलॉग 2025 का तीसरा संस्करण आयोजित किया जा रहा है, जिसका मुख्य आयोजन नई दिल्ली में होगा।