क्या चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी ने 'कैंपस टैंक' लॉन्च करके स्टार्टअप्स को नई दिशा दी?

सारांश
Key Takeaways
- कैंपस टैंक युवा उद्यमियों को समर्थन देने वाला पहला स्वदेशी मंच है।
- इसमें २० हजार युवा उद्यमियों ने पंजीकरण कराया है।
- यह कार्यक्रम सार्वजनिक-निजी साझेदारी को प्रोत्साहित करता है।
- भारत को स्टार्टअप्स का वैश्विक लीडर बनाने की दिशा में एक कदम है।
- टीयर-टू और टीयर-थ्री शहरों से ५१% स्टार्टअप्स आते हैं।
नई दिल्ली, ६ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी ने दिल्ली में 'कैंपस टैंक: भारत का सबसे बड़ा यूनिवर्सिटी-प्रेरित स्टार्टअप लॉन्चपैड' कार्यक्रम की शुरुआत की है। इस विशेष आयोजन में केंद्रीय राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने भाग लिया और विश्वविद्यालय की इस नई पहल की सराहना की।
जितेंद्र सिंह ने कहा, "डॉक्टर सतनाम सिंह (चंडीगढ़ विश्वविद्यालय के चांसलर), उनकी पूरी टीम और फैकल्टी, देश के प्रमुख निजी विश्वविद्यालयों में से एक हैं। इनकी पहलें प्रधानमंत्री मोदी और केंद्र सरकार की योजनाओं के साथ एकदम मेल खाती हैं।"
उन्होंने आगे कहा, "यह कार्यक्रम अद्वितीय है। उन्होंने स्टार्टअप्स के लिए समर्पित एक 'कैंपस टैंक' की शुरुआत की है, जिससे विश्वविद्यालय और एक शैक्षणिक संस्थान के बीच सार्वजनिक-निजी जुड़ाव को सुगम बनाया जा सकता है। यह चलन पूरे देश में फैलने वाला है।"
चंडीगढ़ विश्वविद्यालय के चांसलर और राज्यसभा सांसद सतनाम सिंह संधू ने कहा, "कैंपस टैंक एक युवा उद्यमिता कार्यक्रम है, जो युवा उद्यमियों को बढ़ावा देने वाला भारत का पहला स्वदेशी मंच है। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मिशन से प्रेरित है।"
उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम को अब तक का सबसे अच्छा प्रतिक्रिया मिल रहा है। पहले चरण में २० हजार युवा उद्यमियों ने पंजीकरण कराया है और ६ हजार स्टार्टअप्स पहले से जुड़े हुए हैं। पहले चरण का लक्ष्य १००० स्टार्टअप्स है, और हमें उम्मीद है कि इनमें से ३०० स्टार्टअप्स को हम आगे बढ़ाएंगे।
चंडीगढ़ विश्वविद्यालय की प्रो-चांसलर हिमानी सूद ने कहा कि एंजेल निवेशक, अकादमी, कारोबारी और उद्यमी सभी एक मंच पर आए हैं। हम चाहते हैं कि भारत दुनिया का स्टार्ट-अप लीडर इकोसिस्टम बने। हम वर्तमान में तीसरे नंबर पर हैं और २०४७ तक पहले नंबर पर आना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह से संभव है। देश में जितने भी स्टार्टअप्स हैं, उनमें से ५१ प्रतिशत टीयर-टू और टीयर-थ्री शहरों से आते हैं।
'विकसित भारत' के बारे में हिमानी सूद ने कहा कि भारत में स्टार्टअप एक संस्कृति बन चुका है। हर भारतीय को मौका दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री के विजन के तहत स्टार्टअप कल्चर भारत में मजबूत होने वाला है।