क्या चारधाम यात्रा में हेली सेवाएं अब ज्यादा सुरक्षित हो गई हैं?

सारांश
Key Takeaways
- हेली सेवाएं अब ज्यादा सुरक्षित हैं।
- सीसीटीवी और रिकॉर्डिंग सिस्टम लागू किया गया है।
- सुरक्षा प्राथमिकता है।
- खराब मौसम में उड़ानें रद्द की जा सकती हैं।
- यात्रा 7 से 21 अक्टूबर तक चलेगी।
देहरादून, 8 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तराखंड में चारधाम यात्रा के दूसरे चरण में हेली सेवाएं अब और भी सुरक्षित हो गई हैं।
भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण, डीजीसीए (नागर विमानन महानिदेशालय) और उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (युकाडा) की सख्त निगरानी में सेवाएं चलाई जा रही हैं।
सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए हेलीपैड पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं और हेलीकॉप्टर में रिकॉर्डिंग सिस्टम भी चालू किया गया है। केदारघाटी में एक समय पर केवल चार हेलीकॉप्टर उड़ान भर रहे हैं और हर घंटे की शटल सीमा निर्धारित की गई है। हेली सेवाएं गुप्तकाशी, फाटा और सिरसी से शुरू होती हैं, जहाँ कई हेली कंपनियां यात्रियों को केदारनाथ धाम तक पहुँचाने का कार्य कर रही हैं। हालांकि, खराब मौसम में हेलीकॉप्टर शटल सेवाएं बंद रखी जाती हैं।
युकाडा के सीईओ आशीष चौहान ने बताया कि 15 सितंबर को यात्रा फिर से शुरू की गई थी। उस समय शटल की संख्या और यात्रियों की संख्या 1,000 से 1,200 तक सीमित रखी गई थी। यह सेवा सात ऑपरेटर्स के माध्यम से शुरू की गई।
उन्होंने कहा कि सुरक्षा को सबसे पहले रखा गया है और डीजीसीए व भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) की टीमें लगातार निगरानी कर रही हैं। नई यात्रा 7 अक्टूबर से शुरू हुई, जो 21 अक्टूबर तक चलेगी।
उन्होंने विश्वास दिलाया कि इस दौरान कोई अप्रिय घटना नहीं होगी। हाल के हेलीकॉप्टर हादसों के बाद डीजीसीए ने कुछ शर्तें रखी थीं, जिन्हें शॉर्ट टर्म में पूरा किया गया। केवल डीजीसीए की अनुमति से ही यात्राएं प्रारंभ की गईं। आने वाले सीजन में व्यवस्था को और बेहतर बनाने के प्रयास जारी हैं। उन्हें यात्रा को पूरी तरह सुरक्षित बनाना है।
चौहान ने कहा कि हर कदम पर सावधानी बरती जा रही है ताकि यात्रियों को कोई परेशानी न हो।
यह कदम चारधाम यात्रा को सुरक्षित और सुचारु बनाने की दिशा में एक बड़ा प्रयास है। यात्रियों से अपील की गई है कि वे मौसम की जानकारी प्राप्त करें और हेली सेवा से पहले सावधानियों का पालन करें।