क्या छत्रपति संभाजीनगर में दीपावली पर किसानों का आंदोलन है?

सारांश
Key Takeaways
- किसानों का आंदोलन सरकार के वादों के खिलाफ है।
- पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोका और कुछ को हिरासत में लिया।
- आर्थिक सहायता का अभाव किसानों की मुख्य चिंता है।
छत्रपति संभाजीनगर, 21 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर में सोमवार को स्वाभिमानी शेतकरी संघटना की अगुवाई में किसानों ने जिला कलेक्टर के निवास के बाहर प्रदर्शन किया। किसानों का आरोप है कि सरकार अपने वादों को पूरा करने में असफल रही है और उनकी समस्याओं पर ध्यान नहीं दे रही है।
यह आंदोलन उस वादे के खिलाफ किया गया था जिसमें सरकार ने आश्वासन दिया था कि राज्य के किसी भी किसान की "काली दिवाली" नहीं होगी और हर किसान के बैंक खाते में सहायता राशि पहुंचाई जाएगी। परंतु अब तक किसानों के खातों में एक भी पैसा नहीं पहुंचा है, जिसके कारण उन्होंने यह प्रदर्शन किया।
प्रदर्शन के दौरान किसानों ने अपने शर्ट उतारकर विरोध जताया और कलेक्टर के निवास की ओर बढ़ने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया। इस बीच, पुलिस और किसानों के बीच हल्का धक्का-मुक्की भी हुई। विरोध बढ़ने पर पुलिस ने किसानों को हिरासत में लेकर बेगमपुरा पुलिस थाने ले जाया और बाद में उन्हें छोड़ दिया।
प्रदर्शनकारी किसानों का कहना है कि हाल की मूसलधार बारिश ने उनकी फसलें बर्बाद कर दी हैं। अब दीपावली के अवसर पर वे अपने घरों में कोई उत्सव मनाने की स्थिति में नहीं हैं। न तो वे अपने बच्चों के लिए नए कपड़े खरीद सकते हैं और न ही मिठाई और दीयों की खरीदारी कर सकते हैं।
किसानों का आरोप है कि सरकार ने केवल आश्वासन दिए हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर कोई सहायता नहीं पहुंची। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर जल्द राहत राशि जारी नहीं की गई, तो उनका आंदोलन और भी बड़ा होगा।
किसान नेताओं ने कहा कि सरकार किसानों के हित में कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है, जिससे उनकी समस्याएं बढ़ रही हैं। यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक किसानों के बैंक खातों में आर्थिक मदद नहीं पहुंचाई जाती।