क्या महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर में एआईएमआईएम के टिकट को लेकर बवाल हुआ?
सारांश
Key Takeaways
- छत्रपति संभाजीनगर में एआईएमआईएम के टिकट को लेकर विवाद।
- रैली के दौरान समर्थकों के बीच हुई झड़प।
- पुलिस ने मामला दर्ज किया, स्थिति पर नजर रखी जा रही है।
- हाजी इसाक खान ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का संकेत दिया।
- स्थानीय राजनीति में असंतोष की बढ़ती लहर।
मुंबई, 27 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर शहर का राजनीतिक माहौल इस समय काफी गर्म है। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल-मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) में टिकट वितरण को लेकर आंतरिक विवाद खुलकर सामने आया है। वार्ड नंबर 12 से उम्मीदवार की घोषणा के बाद पार्टी के दो गुट आमने-सामने आ गए, जिसके परिणामस्वरूप रैली के दौरान हंगामा और धक्का-मुक्की हुई। पुलिस ने इस मामले में प्रकरण दर्ज किया है।
जानकारी के अनुसार, एआईएमआईएम ने हाल ही में छत्रपति संभाजीनगर शहर के 8 उम्मीदवारों के नाम जारी किए हैं। इनमें वार्ड नंबर 12 से मोहम्मद असरार को पार्टी का अधिकृत उम्मीदवार घोषित किया गया। शुक्रवार शाम मोहम्मद असरार ने किराडपुरा क्षेत्र में चुनावी रैली आयोजित की थी। इसी दौरान टिकट न मिलने से नाराज पूर्व नगरसेविका नसीम बी के बेटे हाजी इसाक खान के समर्थकों ने रैली को रोक दिया, जिससे विवाद उत्पन्न हुआ।
बताया जा रहा है कि रैली रोकने के बाद दोनों पक्षों के कार्यकर्ताओं के बीच पहले कहासुनी हुई, जो देखते ही देखते धक्का-मुक्की और मारपीट में बदल गई। इस दौरान कुछ लोगों के साथ हाथापाई की गई। घटना का वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है और चर्चा का विषय बना हुआ है। उम्मीदवारी को लेकर जवाब मांगने के दौरान दोनों गुटों के समर्थक आमने-सामने आ गए और जोरदार नारेबाजी शुरू कर दी।
हालात इतने तनावपूर्ण हो गए कि मोहम्मद असरार को रैली को बीच में ही रोकना पड़ा। घटना के बाद किराडपुरा क्षेत्र में कुछ समय के लिए दहशत का माहौल बन गया। स्थिति बिगड़ते देख दोनों पक्ष जिन्सी पुलिस थाने पहुंचे। पुलिस ने अफसर खान हुसैन खान की शिकायत पर तीन लोगों के खिलाफ अदखलपात्र मामला दर्ज किया है। पुलिस का कहना है कि फिलहाल इलाके में शांति बनी हुई है और हालात पर लगातार नजर रखी जा रही है।
वहीं, स्थानीय लोगों का कहना है कि हाजी इसाक खान पिछले करीब 10 वर्षों से क्षेत्र में सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं और इलाके में उनकी अच्छी पकड़ मानी जाती है। ऐसे में एआईएमआईएम द्वारा किसी अन्य कार्यकर्ता को टिकट दिए जाने से समर्थकों में नाराजगी है। खुद हाजी इसाक खान ने भी कहा है कि यदि उन्हें एआईएमआईएम से टिकट नहीं मिलता है, तो वह निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव मैदान में उतरेंगे।