क्या छत्तीसगढ़ में ननों के साथ जो हुआ वह सही है? कांग्रेस उनके समर्थन में: सांसद हिबी ईडन

सारांश
Key Takeaways
- छत्तीसगढ़ में ननों की गिरफ्तारी से सियासी हलचल।
- कांग्रेस ने किया ननों का समर्थन।
- अमित शाह ने जमानत का दिया आश्वासन।
- न्याय की उम्मीद जगी है।
- धार्मिक स्वतंत्रता पर उठे सवाल।
रायपुर, 1 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में धर्मांतरण और मानव तस्करी के आरोप में दो ननों की गिरफ्तारी ने सियासी हलचल पैदा कर दी है।
कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने इसे अल्पसंख्यक समुदाय पर हमला बताकर विरोध किया है। शुक्रवार को कांग्रेस के सांसद ननों से मिलने दुर्ग पहुंचे। कांग्रेस सांसद हिबी ईडन ने शुक्रवार को राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए कहा कि उन्होंने दो कैथोलिक ननों की गिरफ्तारी के खिलाफ अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की। उन्होंने बताया कि कांग्रेस सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल ननों से मिलने के लिए आया है और केरल के सभी लोग उनके साथ खड़े हैं।
उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर उन्होंने गुरुवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी, जहां उन्होंने आश्वासन दिया कि ननों को जमानत मिल सकती है।
कांग्रेस सांसद ने ननों पर लगाए गए एफआईआर की धाराओं, विशेष रूप से मानव तस्करी और जबरन धर्मांतरण से संबंधित धाराओं को गलत बताया। ईडन ने आशा व्यक्त की कि छत्तीसगढ़ सरकार ननों की जमानत का विरोध नहीं करेगी, जैसा कि अमित शाह ने केरल के सांसदों को आश्वासन दिया था।
इससे पहले, ईडन ने 29 जुलाई को लोकसभा में एक स्थगन प्रस्ताव नोटिस दायर किया था, जिसमें उन्होंने ननों की गिरफ्तारी को गैरकानूनी और बजरंग दल व भाजपा समर्थकों द्वारा समर्थित भीड़ द्वारा हिंसा का परिणाम बताया।
उन्होंने रेलवे पुलिस पर पक्षपातपूर्ण व्यवहार, सबूतों के साथ छेड़छाड़ और गवाहों पर दबाव डालने का आरोप लगाया।
सांसद का कहना है कि संविधान के तहत हम किसी भी धर्म को अपनाने का अधिकार रखते हैं। यह हमें संविधान से प्राप्त है।
कांग्रेस सांसद के. सुरेश ने कहा कि हम लोग यहां आए हैं और दुर्ग जाकर जेल में बंद ननों से मिलेंगे। हम ननों की गिरफ्तारी के विरोध में छत्तीसगढ़ कांग्रेस इकाई द्वारा आयोजित रैली में भी शामिल होंगे। केरल के लगभग सभी सांसदों ने केंद्रीय गृह मंत्री से मुलाकात की है, और हमें आश्वासन दिया गया है कि ननों को जल्द से जल्द जमानत मिल जाएगी।