क्या सचिन पायलट की तीन दिवसीय पदयात्रा भाजपा और चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगा रही है?

सारांश
Key Takeaways
- सचिन पायलट की पदयात्रा का उद्देश्य भाजपा पर आरोप लगाना है।
- यात्रा १६ से १८ सितंबर तक चलेगी।
- पायलट ने वोट चोर के आरोप लगाए हैं।
- सभा में कई वरिष्ठ नेता शामिल हुए थे।
- यह अभियान लोकतंत्र की सुरक्षा के लिए है।
रायगढ़, १६ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। छत्तीसगढ़ कांग्रेस के प्रभारी सचिन पायलट ने मंगलवार को रायगढ़ में 'वोट चोर गद्दी छोड़' हस्ताक्षर अभियान और पदयात्रा का आगाज़ किया। यह तीन दिवसीय यात्रा १६ से १८ सितंबर तक चलेगी, जिसमें रायगढ़ से भिलाई तक आठ जिलों में रैलियां और सभाएं आयोजित की जाएंगी।
छत्तीसगढ़ी चौक से प्रारंभ हुई इस पदयात्रा में सैकड़ों कार्यकर्ता शामिल हुए। 'वोट चोर गद्दी छोड़' के नारे लगाते हुए यात्रा घड़ी चौक और सुभाष चौक होते हुए कांग्रेस कार्यालय पहुंची। वहां आयोजित सभा में सचिन पायलट ने कहा कि भाजपा सरकार और चुनाव आयोग पर उन्होंने वोट चोरी के गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि राज्य में दिल्ली का राज चल रहा है।
पायलट ने कहा, "छत्तीसगढ़ में शासन को दो साल हो गए हैं, लेकिन नियंत्रण दिल्ली में है। यहां संपत्ति कुछ हाथों में बांटने की साजिश चल रही है। नौजवानों, आदिवासियों, किसानों और दलितों पर अत्याचार हो रहा है। सबसे दुखद यह है कि पिछले ग्यारह वर्षों से केंद्र में भाजपा की सरकार है, फिर भी चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठ रहे हैं। राहुल गांधी ने वोट चोरी के प्रमाण दिए, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसलिए हमने यह अभियान शुरू किया।"
उन्होंने संविधान के मौलिक अधिकार वोट को बचाने पर जोर देते हुए कहा कि "चुनाव आयोग ने एक घर में १००-१५० वोट डाले, जीवित लोगों को मृत दिखाया। जब डेटा मांगा गया तो मना कर दिया। पूरे प्रदेश में हस्ताक्षर अभियान और जनसंपर्क यात्रा चलाएंगे। आज रायगढ़ में शानदार शुरुआत हुई।"
सभा में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव, पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज सहित वरिष्ठ नेता मौजूद थे। बघेल ने कहा, "भाजपा ने सीरियल किलर की तरह वोट चोरी कर सरकार बनाई है। जल्द ही सबूत जनता के सामने रखेंगे।"
दीपक बैज ने कानून-व्यवस्था बिगड़ने, महिलाओं की सुरक्षा पर खतरे और नशे के कारोबार पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, "न्यूड पार्टी जैसी घटनाएं छत्तीसगढ़ की संस्कृति पर धब्बा हैं।"