क्या छत्तीसगढ़ की उदंती एरिया कमेटी ने माओवादियों से आत्मसमर्पण की अपील की?

सारांश
Key Takeaways
- उदंती एरिया कमेटी ने माओवादियों से आत्मसमर्पण की अपील की है।
- तीन दिनों में 468 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया।
- सुरक्षा बलों का दबाव बढ़ गया है।
- मुख्यधारा में लौटने से सामाजिक संघर्ष को नया रूप मिलेगा।
- जनता की समस्याओं के हल की दिशा में काम करने की आवश्यकता है।
बीजापुर, 18 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। छत्तीसगढ़ की उदंती एरिया कमेटी ने अपने संगठन से जुड़े सक्रिय माओवादियों के लिए आत्मसमर्पण का एक पत्र जारी किया है। उदंती एरिया कमेटी के नेता सुनील ने पत्र में माओवादियों से अपील की है कि वे हथियार छोड़कर मुख्यधारा में लौटें, जिससे वे समाज के बीच रहकर सामाजिक संघर्ष को एक नए तरीके से आगे बढ़ा सकें।
यह पत्र हाल में महाराष्ट्र और बस्तर क्षेत्र में हुए बड़े आत्मसमर्पणों के बाद आया है। पत्र में कहा गया है कि मौजूदा हालात सशस्त्र संघर्ष के लिए अनुकूल नहीं हैं, सुरक्षा बलों का दबाव बढ़ गया है और संगठन ने क्रांति को अपेक्षित रूप से आगे नहीं बढ़ाया है।
पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है, "16 अक्टूबर को महाराष्ट्र में सोनू दादा ने 61 कामरेडों के साथ और 17 अक्टूबर को बस्तर में रूपेश दादा उर्फ सतीश दादा ने 210 कामरेडों के साथ सशस्त्र आंदोलन को समाप्त किया है। मौजूदा परिस्थितियां अब फोर्स के दबाव में ऐसी नहीं रहीं कि क्रांति को पहले की तरह जारी रखा जा सके। इसलिए हम भी जनांदोलनों के साथ मिलकर जनता की समस्याओं का समाधान करेंगे।"
पत्र में आगे कहा गया है कि उदंती टीम अब गरियाबंद में सशस्त्र आंदोलन को समाप्त करने जा रही है। उन्होंने अन्य इकाइयों (गोबरा, सीनापाली, एसडीके और सीतानदी) के माओवादियों से भी अपील की है कि वे हथियार छोड़कर आत्मसमर्पण करें और मुख्यधारा से जुड़ें।
पत्र के अंत में सुनील ने कहा कि संगठन अब जनता के साथ मिलकर जनसंघर्ष को एक नए रूप में आगे बढ़ाने की तैयारी कर रहा है। उन्होंने जनता से अनुरोध किया कि इस संदेश को जल्दी से जल्दी अन्य कामरेडों तक पहुंचाया जाए।
ज्ञात हो कि तीन दिनों के भीतर लगभग 468 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है, जिसमें छत्तीसगढ़ में 405 और महाराष्ट्र में 61 नक्सलियों ने हथियार डाले हैं।