क्या जब कांग्रेस सत्ता में थी, तो उन्हें चुनाव आयोग से कोई आपत्ति नहीं थी?

सारांश
Key Takeaways
- चुनाव आयोग की स्वतंत्रता का सम्मान आवश्यक है।
- कांग्रेस की कार्यशैली पर सवाल उठाना सही नहीं है।
- राजनीतिक परिणामों के अनुसार आरोप लगाना अनुचित है।
- लोगतंत्र में जनादेश का स्वागत करना चाहिए।
- विपक्ष को अपनी कार्यशैली में सुधार लाने की जरूरत है।
नई दिल्ली, 18 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। लोक जनशक्ति पार्टी (आर) के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने चुनाव आयोग पर उठाए गए सवालों को लेकर सोमवार को कांग्रेस पर तीखा हमला किया। उन्होंने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि जब कांग्रेस कई वर्षों तक सत्ता से बाहर रही, तो इन्हें चुनाव आयोग से कोई समस्या नहीं थी। लेकिन, आज जब ये विपक्ष में हैं और कोई इन्हें पूछ नहीं रहा, तो इन्हें चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर शक हो रहा है। चिराग ने कहा कि चुनाव आयोग एक स्वतंत्र संस्था है, जिसका मुख्य कार्य निष्पक्ष चुनाव कराना है। ऐसे में बार-बार चुनाव आयोग की कार्यशैली पर सवाल उठाना बेबुनियाद है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जब झारखंड विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत हुई थी, तब इन्हें चुनाव आयोग पर कोई सवाल नहीं उठाए थे। आज जब परिणाम इनके पक्ष में नहीं हैं, तो इन्हें चुनाव आयोग से समस्या हो रही है। यह दोहरा मापदंड बिल्कुल उचित नहीं है।
चिराग पासवान ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी का नाम लेते हुए कहा कि ये लोग बार-बार चुनाव आयोग पर आरोप लगाते हैं कि चुनाव प्रक्रिया में धांधली हुई है। लेकिन जब चुनाव आयोग प्रमाण मांगता है, तो ये लोग चुप्पी साध लेते हैं। ऐसे में विपक्ष की इस कार्यशैली को उन्होंने निंदनीय बताया और कहा कि यह गलत परंपरा की शुरुआत है, जिसे किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस को लगता है कि वोटों की चोरी हुई है, तो उन्हें एक संवैधानिक संस्था के पास जाकर इसकी शिकायत करनी चाहिए। विपक्ष का यह रवैया पूरी तरह गलत है; जब उन्हें राजनीतिक परिणाम नहीं मिलता, तो वे चुनाव आयोग पर सवाल उठाने लगते हैं।
चिराग ने कहा कि हमें लोकतंत्र में जनादेश को सम्मानपूर्वक स्वीकार करना चाहिए। विपक्ष संसद को नहीं चलने दे रहा है और इसके लिए सरकार को जिम्मेदार ठहरा रहा है। इससे अविश्वास का माहौल पैदा हो रहा है। उन्होंने कहा कि पहले भी इस तरह के झूठे आरोप लगते रहे हैं, जैसे कि सीएए को लेकर।