क्या सीएम भूपेंद्र पटेल ने दाऊदी बोहरा समाज के धर्मगुरु सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन से मुलाकात की?
सारांश
Key Takeaways
- मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की मुलाकात दाऊदी बोहरा समाज के धर्मगुरु से हुई।
- मुलाकात में जनकल्याण और सामाजिक समरसता पर चर्चा की गई।
- 2,800 करोड़ रुपए का चेक शहरी विकास के लिए वितरित किया गया।
- शहरी विकास वर्ष 2025 के रूप में मनाने की योजना है।
अहमदाबाद, 17 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने बुधवार को अहमदाबाद में स्थित मजार-ए-कुत्बी में दाऊदी बोहरा समाज के सर्वोच्च धर्मगुरु सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन से शिष्टाचार भेंट की। यह मुलाकात दाऊदी बोहरा समाज के धर्मगुरु के अहमदाबाद के वार्षिक दौरे के दौरान हुई।
इस अवसर पर धर्मगुरु सैयदना ने जनकल्याण, सामाजिक समरसता और जिम्मेदार नागरिकता के महत्व पर चर्चा की।
उन्होंने अहमदाबाद के निरंतर विकास और शहर की स्थिरता, व्यवस्था एवं नागरिक कल्याण पर ध्यान केंद्रित करने के लिए मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व की प्रशंसा की।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने 32वें दाई सैयदना कुतबखान कुतुबुद्दीन साहब की पुण्यतिथि के अवसर पर उनकी दरगाह पर पुष्पांजलि अर्पित की और शहर में इस समाज के इतिहास और विरासत की सराहना की।
गुजरात के मुख्यमंत्री ने बुधवार को दोपहर 3:00 बजे अहमदाबाद में राज्य के नगर निगमों और नगर पालिकाओं के सर्वांगीण विकास के लिए 2,800 करोड़ रुपए के चेक वितरित किए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन से प्रेरित होकर मुख्यमंत्री के नेतृत्व में वर्ष 2025 को शहरी विकास वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है।
उम्मीद है कि 2,800 करोड़ रुपए की यह अनुदान राशि पूरे राज्य में शहरी विकास की पहलों को नई गति प्रदान करेगी।
यह कार्यक्रम मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की अध्यक्षता में शेला स्थित ऑडिटोरियम में आयोजित किया गया।
इस कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री हर्ष संघवी, शहरी विकास मंत्री कनुभाई देसाई, शहरी विकास राज्य मंत्री दर्शना वाघेला, और नगर निगमों एवं नगर पालिकाओं के अधिकारी शामिल हुए। गुजरात के नगर निगम और नगरपालिकाएं राज्य के शहरी शासन ढांचे की रीढ़ हैं, जो शहरों और कस्बों में योजना, सेवा वितरण और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए जिम्मेदार हैं।
नगर निगम अहमदाबाद, सूरत, वडोदरा और राजकोट जैसे प्रमुख शहरी केंद्रों का प्रशासन करते हैं, जो शहरी नियोजन, सार्वजनिक स्वास्थ्य, जल आपूर्ति, स्वच्छता, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, सड़कें, सार्वजनिक परिवहन, अग्निशामक सेवाएं और ई-गवर्नेंस जैसी जटिल जिम्मेदारियों का निर्वहन करते हैं।