क्या 2025 में थिएटर में तोड़फोड़ से लेकर बैन तक, इन फिल्मों ने मचाया हो-हल्ला?
सारांश
Key Takeaways
- वर्ष 2025 में कई विवादित फिल्में रिलीज हुईं।
- कंगना रनौत की 'इमरजेंसी' ने ऐतिहासिक तथ्यों को लेकर विवाद खड़ा किया।
- विक्की कौशल की 'छावा' पर भी ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ का आरोप लगा।
- फिल्मों पर धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप भी लगे।
- बॉक्स ऑफिस पर कई फिल्में सफल रहीं, जबकि कुछ विवादों में फंसी रहीं।
मुंबई, 17 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। मनोरंजन के क्षेत्र में वर्ष 2025 एक अद्भुत वर्ष साबित हुआ है। विभिन्न शैली की कई फिल्में रिलीज हुईं, जिन्होंने दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया और बॉक्स ऑफिस पर भी सफलता प्राप्त की। हालांकि, इस वर्ष विवादों का भी अभाव नहीं रहा। कंगना रनौत की 'इमरजेंसी' से लेकर 'धुरंधर' तक कई फिल्में रिलीज से पहले या बाद में विवादों में घिर गईं।
कुछ फिल्मों को कहानी को लेकर, कुछ को स्टारकास्ट के कारण, और कुछ को इतिहास से छेड़छाड़ या धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने के आरोपों का सामना करना पड़ा। न केवल कुछ फिल्मों पर कोर्ट ने रोक लगाई, बल्कि कुछ पर एफआईआर भी दर्ज हुईं। विवादित फिल्मों की सूची साल 2025 में काफी लंबी रही।
इमरजेंसी: कंगना रनौत की निर्देशित और अभिनीत फिल्म 'इमरजेंसी' 17 जनवरी को रिलीज हुई। यह फिल्म 1975 की इमरजेंसी पर आधारित है, जिसमें कंगना ने इंदिरा गांधी का किरदार निभाया। रिलीज से पहले ऐतिहासिक तथ्यों के साथ छेड़छाड़ के आरोप लगे। सिख संगठनों सहित अन्य ने विरोध किया, फिर भी फिल्म रिलीज हुई। कंगना के अभिनय की सराहना हुई, परंतु बॉक्स ऑफिस पर ज्यादा सफल नहीं हो पाई।
छावा: विक्की कौशल की 'छावा' 14 फरवरी को रिलीज हुई। यह फिल्म छत्रपति संभाजी महाराज की वीरता पर आधारित है और ट्रेलर रिलीज होते ही विवादों में आ गई थी। एक गाने में संभाजी के डांस करने को लेकर और ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ के आरोप लगे। महाराष्ट्र के मंत्रियों और संगठनों ने विरोध किया। मेकर्स ने विवादित डांस सीक्वेंस हटा दिया, लेकिन बहस जरी रही।
जाट: सनी देओल और रणदीप हुड्डा की एक्शन फिल्म 'जाट' 10 अप्रैल को रिलीज हुई। एक चर्च दृश्य को लेकर ईसाई समुदाय नाराज हुआ, जिसमें धार्मिक भावनाओं को आहत करने का आरोप लगा। फिल्म के दृश्य को लेकर शिकायत दर्ज की गई और विरोध के बाद मेकर्स ने उस दृश्य को हटा दिया।
फुले: प्रतीक गांधी और पत्रलेखा की 'फुले' 25 अप्रैल को सिनेमाघरों में आई (पहले 11 अप्रैल को रिलीज होने वाली थी)। ज्योतिराव और सावित्रीबाई फुले की बायोपिक पर ब्राह्मण समुदाय को गलत तरीके से पेश करने का आरोप लगा। नाराज ब्राह्मण संगठनों ने विरोध किया, जिससे रिलीज टल गई और सेंसर बोर्ड ने कई कट्स लगाए।
हरि हर वीरा मल्लू: पवन कल्याण की 'हरि हर वीरा मल्लू' में मुदिराज समुदाय ने किरदार को लोक नायक के समान बताया। फिल्म काल्पनिक बताई गई, लेकिन बहुजन समूहों ने ऐतिहासिक विरासत के साथ छेड़छाड़ का आरोप लगाया। फिल्म 24 जुलाई को रिलीज हुई।
उदयपुर फाइल्स: 'उदयपुर फाइल्स' 8 अगस्त को 4500 स्क्रीनों पर रिलीज हुई। यह पहले 11 जुलाई को रिलीज होने वाली थी। यह फिल्म साल 2022 की कन्हैयालाल हत्याकांड पर आधारित है, और इसे नफरत फैलाने और मुस्लिम समुदाय को गलत दिखाने के आरोपों का सामना करना पड़ा। दिल्ली हाईकोर्ट ने रोक लगाई, लेकिन कानूनी लड़ाई के बाद फिल्म रिलीज हुई। सेंसर बोर्ड ने 55 दृश्य हटाए।
द बंगाल फाइल्स: विवेक रंजन अग्निहोत्री की 'द बंगाल फाइल्स' 5 सितंबर को रिलीज हुई। यह फिल्म साल 1946 की हिंसा पर आधारित है और इसे प्रोपगैंडा का आरोप लगा। हिंदू नरसंहार को पर्दे पर दिखाने वाली इस फिल्म का पश्चिम बंगाल में भी जबरदस्त विरोध हुआ।
अबीर गुलाल: पाकिस्तानी अभिनेता फवाद खान और वाणी कपूर की 'अबीर गुलाल' पहलगाम हमले के बाद भारत में बैन हो गई। पाकिस्तानी कलाकार होने के कारण यह फिल्म रिलीज नहीं हो पाई। यह फिल्म 12 सितंबर को रिलीज होने वाली थी।
द ताज स्टोरी: परेश रावल की 'द ताज स्टोरी' पर ताजमहल के बारे में झूठे दावे करने का आरोप लगा, जिसके चलते पीआईएल दायर हुई। यह फिल्म 31 अक्टूबर को सिनेमाघरों में रिलीज हुई। 'द ताज स्टोरी' में परेश रावल, जाकिर हुसैन और अमृता खानविलकर जैसे अभिनेता महत्वपूर्ण भूमिकाओं में हैं।
धुरंधर: आदित्य धर की 'धुरंधर' 5 दिसंबर को सिनेमाघरों में आई। मेजर मोहित शर्मा के परिवार ने दावा किया कि फिल्म उनके बेटे पर आधारित है और बिना अनुमति के बनाई गई। नाराज परिवार के सदस्य कोर्ट गए, लेकिन सेंसर बोर्ड ने इसे काल्पनिक बताकर क्लियर किया। रणवीर सिंह, अर्जुन रामपाल, आर माधवन, अक्षय खन्ना, सारा अर्जुन, और राकेश बेदी की इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर कई रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं और इसे काफी सराहा जा रहा है।