क्या राजस्थान में जल जीवन मिशन भ्रष्टाचार मामले में पांच गिरफ्तार हुए?

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क्या राजस्थान में जल जीवन मिशन भ्रष्टाचार मामले में पांच गिरफ्तार हुए?

सारांश

राजस्थान में जल जीवन मिशन परियोजना में कथित अनियमितताओं के चलते पांच आरोपी गिरफ्तार हुए हैं। एसीबी की जांच में रिश्वतखोरी और गबन के पुख्ता सबूत मिले हैं। इस मामले में विशेष जांच दल गठित किया गया है।

Key Takeaways

  • जल जीवन मिशन में भ्रष्टाचार की गंभीरता को समझें।
  • भ्रष्टाचार के खिलाफ एसीबी की कार्रवाई महत्वपूर्ण है।
  • सरकारी योजनाओं का सही उपयोग करना आवश्यक है।
  • जांच प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखना चाहिए।
  • आम जनता को ऐसे मामलों की जानकारी होनी चाहिए।

जयपुर, 17 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भ्रष्टाचार विरोधी ब्यूरो (एसीबी) के मुख्यालय के निर्देशों पर कार्रवाई करते हुए विशेष जांच दल (एसआईटी) ने जल जीवन मिशन परियोजना में कथित अनियमितताओं के संबंध में राजस्थान में पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों में गणपति ट्यूबवेल के मालिक महेश कुमार मित्तल, महेश कुमार मित्तल के पुत्र हेमंत मित्तल उर्फ गोलू, श्याम ट्यूबवेल के प्रबंधक और संपर्क अधिकारी उमेश कुमार शर्मा, लोक स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग (पीएचईडी) के तत्कालीन लेखा अधिकारी गोपाल कुमावत और पद्म चंद जैन के पुत्र और श्याम ट्यूबवेल के मालिक पीयूष जैन शामिल हैं।

ये गिरफ्तारियां केस संख्या 215/23 से संबंधित हैं, जिसमें मेसर्स श्याम ट्यूबवेल (मालिक: पद्म चंद जैन) और मेसर्स गणपति ट्यूबवेल (मालिक: महेश कुमार मित्तल) शामिल हैं।

एसीबी के अनुसार, इन फर्मों ने पीएचईडी के अधिकारियों, माया लाल सैनी (तत्कालीन कार्यकारी अभियंता, पीएचईडी बहरोर डिवीजन), राकेश चौहान (सहायक अभियंता, नीमराना उप-मंडल), और प्रदीप कुमार (जूनियर अभियंता, नीमराना उप-मंडल) के साथ मिलीभगत करके अवैध तरीकों से जल जीवन मिशन के तहत निविदा संख्या 15/21-22 और 33/21-22 हासिल कीं।

आरोपियों पर आरोप है कि उन्होंने घटिया काम किया, माप-पत्रों में हेराफेरी की और सरकारी खजाने से करोड़ों रुपए धोखाधड़ी से निकाले।

एसीबी ने कहा कि जांच के दौरान रिकॉर्ड की गई टेलीफोन बातचीत से मिलीभगत और रिश्वतखोरी के पुख्ता सबूत मिले हैं।

आरोप है कि अनुचित लाभ प्राप्त करने के लिए विभागीय अधिकारियों को रिश्वत देकर सरकारी खजाने का गबन किया गया।

एसीबी के पुलिस महानिदेशक गोविंद गुप्ता ने बताया कि जल जीवन मिशन से संबंधित सभी मामलों की समयबद्ध जांच करने, शेष आरोपियों को गिरफ्तार करने और अदालत में आरोपपत्र दाखिल करने के लिए पुलिस अधीक्षक महावीर सिंह राणावत की अध्यक्षता में एक विशेष जांच दल का गठन किया गया है।

वरिष्ठ अधिकारी एसपी हिमांशु कुलदीप, अतिरिक्त एसपी भूपेंद्र, और महावीर प्रसाद शर्मा जांच दल का हिस्सा थे।

फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) से प्राप्त सभी कॉल ट्रांसक्रिप्ट और तकनीकी साक्ष्यों की गहन जांच की गई।

एसीबी ने बताया कि इससे पहले छह आरोपियों के खिलाफ अचानक तलाशी अभियान चलाया गया था, जिसके बाद आरोपपत्र दाखिल किए गए थे।

Point of View

ताकि जनता का विश्वास बना रहे।
NationPress
17/12/2025
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