क्या सीएम स्वयं स्वीकार कर रहे हैं कि प्रदेश की जनता खुश नहीं है?

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क्या सीएम स्वयं स्वीकार कर रहे हैं कि प्रदेश की जनता खुश नहीं है?

सारांश

आंध्र प्रदेश के पूर्व मंत्री गुडिवाडा अमरनाथ ने मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के बयानों पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने खुद माना है कि प्रदेश की जनता उनकी कार्यशैली से खुश नहीं है। यह स्थिति प्रदेश के विकास के लिए गंभीर सवाल खड़ा करती है।

Key Takeaways

  • मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने जनता की असंतोष की बात स्वीकार की है।
  • प्रदेश में सत्ता विरोधी लहर बढ़ रही है।
  • हस्ताक्षर अभियान के माध्यम से जनता के हितों की रक्षा की जा रही है।
  • सरकार का निजीकरण पर ध्यान केंद्रित करना चिंताजनक है।
  • प्रदेश में विकास की गति धीमी हो रही है।

विजयवाड़ा, 17 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। आंध्र प्रदेश के पूर्व मंत्री गुडिवाडा अमरनाथ ने कहा कि यह अजीब स्थिति है कि राज्य के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू खुद मान रहे हैं कि प्रदेश की जनता उनकी कार्यशैली से संतुष्ट नहीं है।

उन्होंने बुधवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि मुख्यमंत्री ने यह स्वीकार किया है कि हमारी सरकार पिछले 18 महीनेखुश नहीं है। प्रदेश की जनता हमारे कार्यों से संतुष्ट नहीं है। मुझे अपने कार्यों का कोई परिणाम नहीं दिख रहा है। यह ध्यान देने योग्य है कि यह बयान हमारे या हमारी पार्टी के किसी नेता से नहीं, बल्कि स्वयं मुख्यमंत्री से आया है। दूसरे शब्दों में, मुख्यमंत्री अपने विफलता को स्वीकार कर रहे हैं।

पूर्व मंत्री ने कहा कि वर्तमान में प्रदेश की जनता सरकार की कार्यशैली को लेकर निराश है। लोग इस सरकार से खुश नहीं हैं। राज्य में सत्ता विरोधी लहर अपने चरम पर है। चाहे सरकार कुछ भी दावा करे, लेकिन आज की तारीख में प्रदेश की स्थिति किसी से छुपी नहीं है। इसी को ध्यान में रखते हुए हस्ताक्षर अभियान चलाया जा रहा है। अब तक हम 1 करोड़ से अधिक लोगों के हस्ताक्षर ले चुके हैं। हम गुरुवार को इसे राज्यपाल के सामने प्रस्तुत करेंगे और सरकार से मांग करेंगे कि कृपया बेवजह के मुद्दों पर उलझने के बजाय जनता के हितों के लिए कार्य करें। सरकार के लिए बेहतर होगा कि वह लोगों के हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता दे। इससे प्रदेश के विकास को नई गति मिलेगी, लेकिन वर्तमान में हमें इस दिशा में कोई संभावना नहीं दिख रही है, इसलिए आज इस तरह की स्थिति उत्पन्न हो रही है।

उन्होंने कहा कि हम सरकार से मांग कर रहे हैं कि कॉलेजों का निजीकरण बंद किया जाए। इसके अलावा, जमीनों को भी निजी लोगों को सौंपा जा रहा है। यही नहीं, अनुबंध पर जमीनें निजी लोगों को दी जा रही हैं, लेकिन हम प्रदेश में इस तरह की स्थिति को किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं कर सकते हैं।

उन्होंने कहा कि जगनमोहन रेड्डी के नेतृत्व में हमारी सरकार ने प्रदेश में निवेश के द्वार खोले थे। हमने यह सुनिश्चित किया था कि प्रदेश में भारी मात्रा में निवेश हो, ताकि राज्य का विकास तेज गति से हो सके। यह सरकार केवल बाजारीकरण पर विश्वास करती है। यही कारण है कि आज की तारीख में प्रदेश में किसी भी प्रकार का विकास नहीं हो रहा है और राज्य में किसी भी प्रकार की सकारात्मक स्थिति नहीं बन रही है, लेकिन हम इन सभी मुद्दों के खिलाफ आवाज उठाते रहेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि सरकार विकास से संबंधित किसी भी कार्य में समझौता न करे। हम हर मुद्दे पर निगरानी रख रहे हैं और यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि प्रदेश में किसी भी प्रकार की विसंगति न हो।

उन्होंने कहा कि हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि प्रदेश की वर्तमान सरकार निजीकरण के जाल को प्रदेश में न फैला सके। बेशक, अगर सरकार कुछ चीजों को निजी हाथों में सौंप दे, तो जब हम सत्ता में आएंगे, तो उन्हें निजी हाथों से मुक्त कर देंगे। साथ ही, यह भी सुनिश्चित करेंगे कि प्रदेश में विकास से संबंधित किसी भी कार्य में समझौता न हो।

Point of View

एक गंभीर संकेत है। इससे यह स्पष्ट होता है कि राज्य में राजनीतिक अस्थिरता बढ़ रही है। इस मुद्दे पर ध्यान देने की आवश्यकता है ताकि जनता के हितों की रक्षा हो सके।
NationPress
17/12/2025

Frequently Asked Questions

गुडिवाडा अमरनाथ ने क्या कहा?
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने खुद स्वीकार किया है कि प्रदेश की जनता खुश नहीं है।
प्रदेश में किस प्रकार की स्थिति है?
प्रदेश में सत्ता विरोधी लहर अपने चरम पर है और लोग सरकार से संतुष्ट नहीं हैं।
हस्ताक्षर अभियान का उद्देश्य क्या है?
हस्ताक्षर अभियान का उद्देश्य सरकार को जनता के हितों के लिए काम करने के लिए प्रेरित करना है।
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