क्या 2024-25 में भारतीय फार्मा निर्यात में 9 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि होगी?

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क्या 2024-25 में भारतीय फार्मा निर्यात में 9 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि होगी?

सारांश

भारत के दवा निर्यात में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है, जो 2024-25 में 30.47 अरब डॉलर तक पहुँच गया है। इससे न केवल वैश्विक स्तर पर भारतीय दवाओं की मांग बढ़ रही है, बल्कि यह देश के औषधि उद्योग की ताकत का भी परिचायक है। जानिए इस क्षेत्र में क्या नई संभावनाएं हैं।

Key Takeaways

  • भारत का दवा निर्यात 2024-25 में 30.47 अरब डॉलर है।
  • पिछले वर्ष की तुलना में 9.4 प्रतिशत की वृद्धि।
  • भारत का घरेलू दवा बाजार लगभग 60 अरब डॉलर का है।
  • दवा क्षेत्र में 130 अरब डॉलर तक पहुँचने की उम्मीद।
  • भारत का दवा निर्यात 200 से अधिक बाजारों में फैला है।

नई दिल्ली, 17 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल ने बुधवार को कहा कि भारत का दवा निर्यात 2024-25 में 30.47 अरब डॉलर तक पहुँच गया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 9.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।

दवा निर्यात पर आयोजित एक दिवसीय क्षेत्रीय चिंतन शिविर के उद्घाटन के दौरान वाणिज्य सचिव ने जानकारी दी कि भारत का घरेलू दवा बाजार लगभग 60 अरब डॉलर का है।

उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र के विशाल आकार, व्यापकता, और नवाचार क्षमता को देखते हुए, उम्मीद है कि बाजार 2030 तक 130 अरब डॉलर तक पहुँच जाएगा।

वाणिज्य सचिव ने उल्लेख किया कि भारत आज मात्रा के हिसाब से विश्व का तीसरा सबसे बड़ा और मूल्य के हिसाब से चौदहवां सबसे बड़ा दवा उत्पादक है, जिसमें 3,000 से अधिक कंपनियां, 10,500 विनिर्माण इकाइयां और 60 चिकित्सीय क्षेत्रों में 60,000 से अधिक जेनेरिक ब्रांड शामिल हैं।

भारतीय दवाएं विश्व स्तर पर 200 से अधिक बाजारों में पहुँचती हैं, जिनमें से 60 प्रतिशत से अधिक निर्यात सख्त नियामक व्यवस्था वाले देशों को होता है। भारत का दवा निर्यात में अमेरिका का हिस्सा लगभग 34 प्रतिशत है, जबकि यूरोप का हिस्सा 19 प्रतिशत है।

चिंतन शिविर के दौरान हुई चर्चाओं का मुख्य उद्देश्य निर्यातकों, विशेषकर लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई), को भारत के विकसित होते अंतरराष्ट्रीय व्यापार और सहयोग ढांचे के प्रति जागरूक करना और औषधि निर्यात से संबंधित नीतिगत, नियामकीय और क्षमता-निर्माण पहलों के बारे में उद्योग की जानकारी बढ़ाना था।

वाणिज्य सचिव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भारत को एक विश्वसनीय वैश्विक व्यापार भागीदार के रूप में स्थापित करने और वैश्विक औषधि व्यापार में भारत की हिस्सेदारी बढ़ाने के दृष्टिकोण पर जोर दिया, जिससे विश्वभर में गुणवत्तापूर्ण और किफायती स्वास्थ्य सेवाओं तक व्यापक पहुँच सुनिश्चित की जा सके।

Point of View

यह कहना उचित है कि भारत का दवा उद्योग विश्व स्तर पर एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। निर्यात में वृद्धि न केवल आर्थिक विकास को दर्शाती है बल्कि वैश्विक स्वास्थ्य में भी योगदान देती है।
NationPress
17/12/2025

Frequently Asked Questions

भारत का दवा निर्यात 2024-25 में कितना होगा?
भारत का दवा निर्यात 2024-25 में 30.47 अरब डॉलर होने की उम्मीद है।
भारतीय दवाओं की वैश्विक मांग में वृद्धि का कारण क्या है?
स्ट्रॉन्ग विनिर्माण आधार और वैश्विक विस्तार के कारण भारतीय दवाओं की मांग में वृद्धि हो रही है।
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