क्या सीएम पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों को इगास बग्वाल की शुभकामनाएं दी?

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क्या सीएम पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों को इगास बग्वाल की शुभकामनाएं दी?

सारांश

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इगास बग्वाल (बूढ़ी दीपावली) के अवसर पर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दी। उन्होंने इस लोक पर्व के महत्व और संस्कृति को बनाए रखने की अपील की। जानिए इस पर्व का क्या है महत्व और कैसे इसे मनाने की तैयारी की जा रही है।

Key Takeaways

  • इगास बग्वाल उत्तराखंड की समृद्ध संस्कृति का प्रतीक है।
  • मुख्यमंत्री ने सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की है।
  • यह पर्व परंपराओं को जीवित रखने में मदद करता है।
  • युवाओं को लोक संस्कृति से जोड़ने के प्रयास आवश्यक हैं।
  • प्रवासी उत्तराखंडवासियों से भी इस पर्व को मनाने की अपील की गई है।

नई दिल्ली, 1 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी प्रदेशवासियों को इगास बग्वाल (बूढ़ी दीपावली) की हार्दिक शुभकामनाएं दीं।

सीएम धामी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा कि समस्त प्रदेशवासियों को इगास पर्व (बूढ़ी दीपावली) की दिल से शुभकामनाएं। देवभूमि उत्तराखंड की समृद्ध लोक संस्कृति और परंपराएं हमारी पहचान हैं। जैसे-जैसे पूरे देश में सांस्कृतिक गौरव और विरासत का पुनर्जागरण चल रहा है, उत्तराखंडवासी भी अपने लोकपर्व इगास को उत्साह, आस्था और हर्षोल्लास के साथ मनाने में जुटे हुए हैं।

सीएम धामी ने आगे बताया कि हमारी सरकार ने इगास पर्व पर सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की है ताकि लोग अपनी जड़ों से जुड़ सकें और अपने परिवार के साथ इस लोकपर्व को पारंपरिक तरीके से मना सकें। इस पावन अवसर पर मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि आपके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का संचार हो।

मुख्यमंत्री कार्यालय से कहा गया कि किसी भी राज्य की लोक संस्कृति और लोक परंपरा उस राज्य की आत्मा होती है, जिसमें इगास पर्व भी महत्वपूर्ण है। हमारे लोक पर्व एवं समृद्ध सांस्कृतिक विरासत सामाजिक जीवन में जीवंतता प्रदान करते हैं।

सीएम ने प्रदेशवासियों से अपील की कि वे अपनी लोक संस्कृति और लोक परंपराओं को बढ़ाने में सहयोग करें। उन्होंने कहा कि जिस तरह से देश में सांस्कृतिक विरासत और गौरव की पुनर्स्थापना हो रही है, उसी तरह उत्तराखंडवासी इगास पर्व को बड़े उत्साह से मना रहे हैं।

हमारे लोग इगास पर्व पर अपनी परंपराओं के साथ अपने पैतृक गांवों से भी जुड़ सकें, इसके लिए राज्य में सार्वजनिक अवकाश की परंपरा शुरू की गई है।

उन्होंने कहा कि हमारी युवा पीढ़ी को अपनी लोक संस्कृति और लोक पर्व से जोड़ने के लिए भी प्रयास होने चाहिए।

प्रवासी उत्तराखंडवासियों से भी मुख्यमंत्री ने अनुरोध किया कि वे भी अपने लोक पर्व को अपने गांव में मनाने का प्रयास करें और प्रदेश के विकास में सहभागी बनें।

भाजपा सांसद अनिल बलूनी ने लिखा कि हमारी समृद्ध संस्कृति और परंपराओं का प्रतीक पावन लोकपर्व इगास (बूढ़ी दीपावली) की आप सभी को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। यह पर्व आपके जीवन में सुख-समृद्धि और खुशहाली लाए।

Point of View

इगास बग्वाल का पर्व केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि उत्तराखंड की सांस्कृतिक पहचान को उजागर करता है। मुख्यमंत्री का इस पर्व का महत्व समझाना और प्रदेशवासियों को इसके प्रति जागरूक करना, उनके सांस्कृतिक धरोहर के प्रति एक मजबूत प्रतिबद्धता दर्शाता है।
NationPress
01/11/2025

Frequently Asked Questions

इगास बग्वाल क्या है?
इगास बग्वाल, जिसे बूढ़ी दीपावली भी कहा जाता है, उत्तराखंड में मनाया जाने वाला एक पारंपरिक लोक पर्व है।
सीएम धामी ने इगास बग्वाल पर क्या कहा?
सीएम धामी ने प्रदेशवासियों को इगास बग्वाल की शुभकामनाएं दीं और इसे मनाने के लिए सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की।
इगास बग्वाल का महत्व क्या है?
यह पर्व उत्तराखंड की लोक संस्कृति और परंपराओं का प्रतीक है और इसे पारिवारिक मिलन और सांस्कृतिक जागरूकता के रूप में मनाया जाता है।