क्या कारगिल विजय दिवस पर सीएम स्टालिन ने वीरता और बलिदान की बात कही?

सारांश
Key Takeaways
- कारगिल विजय दिवस पर वीर सैनिकों को श्रद्धांजलि दी गई।
- सीएम स्टालिन ने शहीदों की वीरता को याद किया।
- कारगिल युद्ध 1999 में हुआ था।
- भारतीय सेना ने कठिन परिस्थितियों में विजय प्राप्त की।
- यह दिन हर भारतीय के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
नई दिल्ली, 26 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने कारगिल विजय दिवस के अवसर पर शहीद हुए भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि सैनिकों की अदम्य वीरता और सर्वोच्च बलिदान हमेशा देश के दिल में जीवित रहेगा।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर स्टालिन ने लिखा, "कारगिल विजय दिवस पर उन वीर सैनिकों को श्रद्धांजलि, जिन्होंने अद्भुत साहस के साथ मातृभूमि की रक्षा की और अपने प्राणों की आहुति दी। उनकी वीरता और बलिदान को कभी नहीं भुलाया जाएगा।"
हालांकि, मुख्यमंत्री स्टालिन इस समय चेन्नई के अपोलो अस्पताल में भर्ती हैं, लेकिन वे वहां से भी राज्य प्रशासन का कार्य संभाल रहे हैं। इस सप्ताह की शुरुआत में चक्कर आने की शिकायत के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया था। जांच में उनके हृदय गति में उतार-चढ़ाव पाया गया।
अस्पताल के मेडिकल बुलेटिन के अनुसार, उनकी स्थिति स्थिर है।
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने भी कारगिल विजय दिवस पर एक्स पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा, "हम उन वीर सैनिकों को याद करते हैं जिन्होंने अद्वितीय साहस के साथ युद्ध लड़ा और हमारे राष्ट्र की रक्षा के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया। कारगिल की बर्फीली चोटियों पर उनकी विजय सच्ची वीरता की एक ऐसी कहानी है जो हर भारतीय को प्रेरित करती है। मैं उनके साहस को नमन करता हूं और उनकी विरासत का सम्मान करता हूं।"
हर साल 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है, जो जम्मू-कश्मीर के कारगिल क्षेत्र में पाकिस्तानी घुसपैठियों पर भारत की जीत की याद दिलाता है। यह युद्ध लगभग तीन महीने तक चला, जिसमें भारतीय सैनिकों ने कठिन मौसम और दुश्मन की गोलीबारी के बीच रणनीतिक चोटियों पर कब्जा किया। 'ऑपरेशन विजय' नाम के इस अभियान के तहत भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सेना को भारतीय क्षेत्र से खदेड़कर कारगिल पर फिर से नियंत्रण स्थापित किया था।