क्या सीएम योगी के विजन और गऊ माता की कृपा से यूपी बनेगा वन ट्रिलियन इकोनॉमी?

सारांश
Key Takeaways
- गाय के गोबर से मीथेन उत्पादन का बड़ा प्रोजेक्ट।
- ग्रामीण रोजगार के नए अवसर।
- हरित अर्थव्यवस्था को बढ़ावा।
- पर्यावरण के अनुकूल ऊर्जा स्रोत।
- सीबीजी संयंत्रों की स्थापना।
लखनऊ, 10 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विजन और गऊ माता की कृपा से ग्रामीण अर्थव्यवस्था अब एक नई दिशा में बढ़ने जा रही है। इस बार, प्रदेश में गाय के गोबर से इतनी बड़ी मात्रा में मीथेन का उत्पादन किया जाएगा, जो न केवल वाहनों को लंबी दूरी तक चलाने में सहायक होगी, बल्कि ग्रामीण रोजगार और हरित अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान करेगी।
विशेषज्ञों का कहना है कि एक गाय के गोबर से सालाना 225 लीटर पेट्रोल के बराबर मीथेन गैस का उत्पादन संभव है। इसे शुद्ध करके सीबीजी में बदल दिया जाएगा, जिससे एक कार 5500 किलोमीटर से अधिक दूरी तय कर सकेगी।
उत्तर प्रदेश गो सेवा आयोग के अध्यक्ष श्याम बिहारी गुप्ता ने बताया कि प्रदेश में निराश्रित गोवंश से रोजाना औसतन 54 लाख किलोग्राम गोबर प्राप्त होता है। इस गोबर को सीबीजी संयंत्रों में प्रोसेस किया जाएगा, जिसका उपयोग मीथेन उत्पादन से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में खाना पकाने, लघु उद्योगों में हीटिंग ईंधन और प्राकृतिक खेती में जैविक घोल के रूप में किया जाएगा। इससे लाखों रुपये तक की सालाना कमाई संभव होगी।
गो सेवा आयोग के ओएसडी डॉ. अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि यह 'मीथेन फार्मिंग' भविष्य में जीवाश्म ईंधनों का एक प्रभावी विकल्प बन सकती है। यह योजना 'कचरे से कंचन' की अवधारणा को बढ़ावा दे रही है, जो परिवहन और हरित अर्थव्यवस्था के लिए उपयोगी ईंधन उपलब्ध कराएगी।
डॉ. अनुराग ने बताया कि एक गोवंश के गोबर से तैयार मीथेन प्राकृतिक गैस का एक रूप है, जो पर्यावरण के अनुकूल और किफायती है।