क्या सीएम योगी के खिलाफ मौलाना का बयान सही है? रोहित पवार का नजरिया

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क्या सीएम योगी के खिलाफ मौलाना का बयान सही है? रोहित पवार का नजरिया

सारांश

एनसीपी (एसपी) नेता रोहित पवार ने मौलाना के बयान को गलत ठहराया है। उन्होंने कहा कि धार्मिक नारों का सम्मान होना चाहिए, लेकिन नकारात्मकता फैलाना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जानें इस विवाद के पीछे की सच्चाई और इससे जुड़े अन्य पहलुओं के बारे में।

Key Takeaways

  • नकारात्मकता फैलाना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
  • धार्मिक नारों का सम्मान होना चाहिए।
  • सामाजिक सद्भाव बनाए रखना जरूरी है।
  • राजनीतिक फायदे के लिए धार्मिक विवादों का उपयोग निंदनीय है।
  • यह विवाद भाजपा को चुनावी लाभ पहुंचा सकता है।

मुंबई, 26 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। 'आई लव मुहम्मद' बनाम 'आई लव महाकाल' विवाद पर एनसीपी (एसपी) नेता रोहित पवार ने कहा कि नकारात्मकता फैलाना स्वीकार्य नहीं है।

उन्होंने कहा कि मुस्लिम समुदाय के लोग 'आई लव मुहम्मद' कह सकते हैं, जबकि हिंदू समुदाय के लोग 'आई लव महाकाल' का नारा लगा सकते हैं। दोनों के बयान अपनी जगह सही हैं, लेकिन इनकी आड़ में नकारात्मकता फैलाना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

रोहित पवार ने महाराष्ट्र के बीड़ जिले में 'आई लव मोहम्मद' कार्यक्रम के दौरान मौलाना द्वारा उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ के खिलाफ की गई बयानबाजी को गलत बताया। मौलाना ने सीएम योगी के खिलाफ अपशब्द कहे थे।

उन्होंने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि मैंने सुना कि 'आई लव मुहम्मद' का नारा देकर सीएम योगी के खिलाफ जिस तरह के शब्दों का इस्तेमाल किया गया, वह अमान्य है। हम संविधान का सम्मान करते हैं, जो हमें अपने धर्म का पालन करने और अपने गुरुओं की प्रशंसा करने का अधिकार देता है। लेकिन अगर कोई दूसरे समुदाय के बारे में अपमानजनक बातें करता है, तो वह निंदनीय है।

पवार ने चेतावनी दी कि नकारात्मकता को लेकर राजनीति करने वाली पार्टियां इस मुद्दे पर आगे भी राजनीति करेंगी, जिससे मुख्य मुद्दे से लोगों का ध्यान भटक जाएगा। उन्होंने कहा कि इस विवाद का फायदा भाजपा को मिल सकता है, खासकर क्योंकि मुंबई में बीएमसी चुनाव नजदीक हैं।

एनसीपी नेता ने स्पष्ट किया कि हिंदू और मुस्लिम समुदायों में कई धर्मगुरु होते हैं। यदि किसी एक की ओर से नकारात्मक बातें की जाती हैं, तो इसका मतलब यह नहीं कि पूरी कौम ऐसा कर रही है। हमें सामाजिक सद्भाव बनाए रखना चाहिए।

गौरतलब है कि यूपी के कानपुर में 'आई लव मुहम्मद' बैनर के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई से उपजा विवाद अब अन्य शहरों तक फैल चुका है। वाराणसी में हिंदू समुदाय ने जवाब में 'आई लव महादेव' और 'आई लव राम' जैसे काउंटर-कैंपेन शुरू किए हैं, जबकि सोशल मीडिया पर यह बहस तेज हो गई है।

Point of View

यह स्पष्ट है कि धार्मिक विवादों को राजनीतिक फायदे के लिए उपयोग करना निंदनीय है। हमें सभी समुदायों के बीच सामाजिक सद्भाव बनाए रखने की आवश्यकता है।
NationPress
26/09/2025

Frequently Asked Questions

क्या रोहित पवार ने मौलाना के बयान का विरोध किया?
हाँ, रोहित पवार ने मौलाना के बयान को गलत बताया और नकारात्मकता फैलाने की आलोचना की।
क्या यह विवाद अन्य शहरों तक फैल गया है?
हाँ, यूपी के कानपुर से शुरू हुआ विवाद अब अन्य शहरों में भी चर्चा का विषय बन गया है।
क्या धार्मिक नारों का उपयोग बुरा है?
धार्मिक नारों का उपयोग सम्मानपूर्वक किया जाना चाहिए, लेकिन नकारात्मकता फैलाना सही नहीं है।