क्या कोयंबटूर गैंगरेप मामले में पुलिस की 4.5 घंटे की लापरवाही ने राजनीतिक तूफान खड़ा किया?

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क्या कोयंबटूर गैंगरेप मामले में पुलिस की 4.5 घंटे की लापरवाही ने राजनीतिक तूफान खड़ा किया?

सारांश

कोयंबटूर गैंगरेप मामले ने राजनीतिक विवाद को जन्म दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री एडप्पादी पलानीस्वामी ने पुलिस की लापरवाही पर सवाल उठाया है। क्या वास्तव में डीएमके सरकार ने अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन नहीं किया?

Key Takeaways

  • पुलिस की लापरवाही से प्रभावित हुई पीड़िता की सुरक्षा।
  • राजनीतिक प्रतिक्रियाओं का तूफान।
  • सरकारी नीतियों पर सवाल उठाए गए हैं।

चेन्नई/कोयंबटूर, 5 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। तमिलनाडु के कोयंबटूर में एक कॉलेज छात्रा के साथ हुए गैंगरेप के मामले ने राजनीतिक हलचल पैदा कर दी है। विपक्षी दलों ने डीएमके सरकार और पुलिस की लापरवाही पर कड़ा हमला किया है। पूर्व मुख्यमंत्री और एआईएडीएमके प्रमुख एडप्पादी के. पलानीस्वामी (ईपीएस) ने मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन को कठपुतली करार दिया।

एडप्पादी के. पलानीस्वामी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक पोस्ट में लिखा, "कोयंबटूर कॉलेज छात्रा यौन उत्पीड़न मामले की चर्चा करते हुए, कोयंबटूर पुलिस आयुक्त सरवनसुंदर ने बताया कि छात्रा की दोस्त ने रविवार रात 11:20 बजे पुलिस से सम्पर्क किया और मदद मांगी। रात 11:35 बजे घटनास्थल पर पहुंची पुलिस ने अगले दिन सुबह 4 बजे छात्रा को ढूंढ निकाला, और वह भी खुद ही।"

उन्होंने कहा, "रात 11:35 बजे से सुबह 4 बजे तक 4 घंटे 25 मिनट तक पुलिस क्या करती रही? अब सवाल यह है कि कठपुतली मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, जो अपराधियों को पकड़ने का दावा करते हैं, उन्हें शर्म आनी चाहिए कि उनकी पुलिस घटनास्थल पर खड़े होकर साढ़े चार घंटे तक पीड़िता को नहीं ढूंढ पाई। पुलिस आयुक्त का कहना है कि 100 पुलिस अधिकारियों ने मिलकर एक बड़ा खोज और बचाव अभियान चलाया। यह बेहद चौंकाने वाला है कि साढ़े चार घंटे तक घटनास्थल पर मौजूद 100 पुलिस अधिकारी पीड़िता को नहीं ढूंढ पाए।"

पलानीस्वामी ने कहा, "पत्रकारों द्वारा पूछे जाने पर कि 'छात्रा ऐसी जगह कैसे पहुंच गई जहां पुलिस उसे नहीं ढूंढ पाई?' पुलिस कमिश्नर ने, जिन्होंने कहा था, 'वहां एक छोटी सी दीवार थी; वह उसके पार गई और उसे नहीं ढूंढ पाई,' कुछ ही मिनटों में अपनी राय बदलकर कहा, 'वहां एक बहुत बड़ी दीवार थी; वह उसके पार गई और छात्रा को ढूंढ लिया।'"

उन्होंने सवाल किया, "क्या कोई छोटी दीवार थी? कोई बड़ी दीवार? पुलिस, वो भी 100 जवानों के साथ, उसके पार जाकर तलाशी क्यों नहीं ली? डीएमके सरकार की पुलिस को यह स्पष्टीकरण देने में शर्म आनी चाहिए कि 'पीड़ित छात्रा इसलिए नहीं मिली क्योंकि वह एक अंधेरी और सुनसान जगह थी।' क्या डीएमके सरकार यह स्वीकारोक्ति दे रही है कि डीएमके सरकार की पुलिस को आधी रात को घटनास्थल पर एक महिला की तलाश करने की कोई जानकारी नहीं थी?"

Point of View

जिसमें न केवल एक युवा महिला की सुरक्षा पर सवाल उठता है, बल्कि पुलिस और सरकार की कार्यप्रणाली पर भी। सभी पक्षों को इस मुद्दे को गंभीरता से लेना चाहिए और ठोस उपायों की आवश्यकता है।
NationPress
05/11/2025

Frequently Asked Questions

कोयंबटूर गैंगरेप मामले में पुलिस की भूमिका क्या थी?
पुलिस ने घटना के बाद 4 घंटे 25 मिनट तक पीड़िता को नहीं ढूंढा, जो बेहद चिंताजनक है।
एआईएडीएमके ने इस मामले पर क्या प्रतिक्रिया दी?
एआईएडीएमके प्रमुख एडप्पादी के. पलानीस्वामी ने पुलिस की लापरवाही पर कड़ा प्रहार किया है।
सीएम स्टालिन के बारे में क्या कहा गया?
एडप्पादी पलानीस्वामी ने उन्हें कठपुतली करार दिया है।
राजनीतिक दलों की क्या प्रतिक्रिया थी?
विपक्षी दलों ने डीएमके सरकार की आलोचना की है।