क्या कलेक्टर ने 5 किलोमीटर पैदल चलकर गांव वालों से मिलने की कसम खाई?

सारांश
Key Takeaways
- कलेक्टर का पैदल दौरा - विकास की दिशा में ठोस कदम।
- सुरक्षा कैम्प की स्थापना - सुरक्षा और विकास का प्रतीक।
- नियत नेल्लानार योजना - तेजी से विकास कार्य।
- ग्रामीणों से संवाद - समस्याओं और सुझावों का समाधान।
- प्रधानमंत्री आवास योजना - पक्के मकान का लाभ।
बीजापुर, 11 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के कलेक्टर संबित मिश्रा ने विकास के प्रति अपने समर्पण और जमीनी हकीकत को समझने की एक अद्वितीय मिसाल पेश की। उन्होंने शनिवार को भैरमगढ़ ब्लॉक की इंद्रावती नदी पार स्थित सुदूर गांव बांगुली का दौरा किया।
यह क्षेत्र लंबे समय से नक्सल प्रभावित रहा है, लेकिन अब यहां शासन की योजनाएं तेजी से लागू हो रही हैं। कलेक्टर मिश्रा ने लगभग 5 किलोमीटर की दूरी पैदल तय की और नदी पार कर नव स्थापित सुरक्षा कैम्प बांगुली पहुंचकर वहां की स्थिति का अवलोकन किया। उन्होंने सुरक्षा बलों के जवानों से मुलाकात कर उनके मनोबल की प्रशंसा की और कहा कि सुदूर अंचलों में सुरक्षा कैम्प की स्थापना से विकास की नई संभावनाएं खुलेंगी।
कलेक्टर ने कहा कि प्रशासन और सुरक्षा बलों के बीच समन्वय से अब इंद्रावती पार के गांवों में नियत नेल्लानार योजना के तहत तेजी से विकास कार्य किए जा रहे हैं। इस अवसर पर उन्होंने ग्रामीणों से संवाद किया और उनकी समस्याओं एवं सुझावों को सुना। कलेक्टर ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि शासन की सभी योजनाएं अब इन क्षेत्रों तक पहुंचाई जाएंगी।
उन्होंने कहा कि सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य और आजीविका के क्षेत्र में अब ग्रामीणों को किसी प्रकार की असुविधा नहीं होगी। निरीक्षण के दौरान जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी नम्रता चौबे ने भी ग्रामीणों से बातचीत कर उन्हें विभिन्न योजनाओं का लाभ लेने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पात्र परिवारों को पक्के मकान उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
साथ ही, नवीन आंगनबाड़ी भवन के निर्माण से बच्चों को पोषण और प्रारंभिक शिक्षा की बेहतर सुविधा मिलेगी। कलेक्टर मिश्रा ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि बांगुली सहित आसपास के गांवों में मूलभूत सुविधाओं के विस्तार में किसी प्रकार की लापरवाही न हो। उन्होंने कहा कि सुरक्षा कैम्प की स्थापना केवल सुरक्षा के लिए नहीं, बल्कि विकास के द्वार खोलने का प्रतीक है।
निरीक्षण कार्यक्रम में सीईओ जनपद पंचायत, तहसीलदार, विभिन्न विभागों के अधिकारी तथा पीआरओ जनपद पंचायत भैरमगढ़ मौजूद रहे। कलेक्टर का यह दौरा न केवल प्रशासनिक दृष्टि से महत्वपूर्ण रहा, बल्कि ग्रामीणों के मन में यह विश्वास भी जगा गया कि शासन उनके द्वार तक पहुंचने के लिए वास्तव में प्रयासरत है।
बांगुली जैसे सुदूरवर्ती इलाकों में कलेक्टर का पैदल पहुंचकर निरीक्षण करना यह दर्शाता है कि बीजापुर प्रशासन अब विकास को अंतिम छोर तक पहुंचाने की दिशा में ठोस कदम उठा रहा है। ग्रामीणों ने भी इस पहल का स्वागत करते हुए कलेक्टर मिश्रा का आभार व्यक्त किया और कहा कि उनके आगमन से उन्हें नई ऊर्जा मिली है।