क्या कर्नल पुरोहित ने मालेगांव केस में बरी होकर न्यायपालिका का आभार व्यक्त किया?

सारांश
Key Takeaways
- कर्नल पुरोहित और अन्य आरोपियों को 17 साल बाद बरी किया गया।
- उन्होंने न्यायपालिका का आभार व्यक्त किया।
- पुणे में उनके बरी होने पर जश्न मनाया गया।
पुणे, 31 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। मालेगांव विस्फोट मामले में 17 वर्षों के लंबे समय के बाद कर्नल प्रसाद श्रीकांत पुरोहित सहित सभी सात आरोपियों को एनआईए अदालत ने रिहा कर दिया है। इस निर्णय के बाद, कर्नल पुरोहित ने मीडिया के सामने आकर अदालत के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि वह राष्ट्र और संगठन की सेवा करते रहेंगे।
कर्नल पुरोहित ने संवाददाताओं से कहा, "मैं देश और उनके प्रति आभारी हूं जो मेरे साथ खड़े रहे। मैं न्यायपालिका का आभारी हूं जिसने मामले को सही समझा और मुझे न्याय दिलाया। मेरे साथ सशस्त्र बलों ने हमेशा समर्थन किया। उनके प्रति मेरे पास कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए शब्द नहीं हैं।"
उन्होंने आगे कहा कि इस देश ने उन्हें सेवा का एक महत्वपूर्ण अवसर दिया। बेल पर आने के बाद भी सेवा का अवसर मिला। कर्नल पुरोहित ने कहा, "मैं भगवान का धन्यवाद करता हूं कि वह मुझे फिर से देश सेवा का मौका दे रहा है। मैं चाहता हूं कि भगवान सभी को मातृभूमि की सेवा का अवसर प्रदान करें।" उन्होंने सभी से आग्रह किया कि देश के लिए ही कुछ करें।
कर्नल पुरोहित के बरी होने पर पुणे में लोगों ने जश्न मनाया। मिठाइयां बांटी गईं और पटाखे फोड़े गए। पुणे के 'पतित पावन संघटना' ने एक जुलूस निकाला। अध्यक्ष स्वप्निल नाईक ने कहा कि मालेगांव विस्फोट में आए फैसले का हम स्वागत करते हैं।
2008 में महाराष्ट्र के मालेगांव में एक मस्जिद के पास विस्फोट हुआ था, जिसमें छह लोग मारे गए थे और 101 घायल हुए थे। 17 साल बाद एनआईए कोर्ट ने कर्नल पुरोहित सहित सात आरोपियों को बरी किया, जिनमें पूर्व भाजपा सांसद प्रज्ञा ठाकुर, मेजर रमेश उपाध्याय (सेवानिवृत्त), अजय राहिरकर, सुधाकर द्विवेदी, सुधाकर चतुर्वेदी और समीर कुलकर्णी शामिल हैं।