क्या कांग्रेस ने लंबे समय तक वोट चोरी की है? बीएल वर्मा का बयान

सारांश
Key Takeaways
- कांग्रेस पर वोट चोरी के आरोप
- प्रधानमंत्री मोदी का अपमान पूरी जनता का अपमान है
- वोटर सूची की हमेशा होती है जांच
- चुनाव आयोग स्वतंत्र रूप से कार्य कर रहा है
- राजनीतिक माहौल में गर्माहट संभव
बरेली, 14 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय राज्यमंत्री बीएल वर्मा ने रविवार को बरेली का दौरा किया, जहाँ उन्होंने सर्किट हाउस में भाजपा के जनप्रतिनिधियों, पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं से संवाद किया। इस दौरान उन्होंने विपक्ष पर वोट चोरी के आरोपों को गलत ठहराया।
बीएल वर्मा ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर तंज कसते हुए कहा, "जहाँ ये हारते हैं, वहाँ वोट चोरी की बातें उठती हैं, जबकि जीतने पर ऐसी बातें कहीं नहीं जातीं। कांग्रेस ने लंबे समय तक वोट चोरी का काम किया है।"
उन्होंने यह भी कहा कि जब जवाहरलाल नेहरू प्रधानमंत्री बने थे, तो उन्हें एक वोट मिला था, जबकि सरदार वल्लभ भाई पटेल को 14 वोट मिले थे। आपातकाल के दौरान 1975 में भी वोट चोरी का मामला सामने आया था, जब हाईकोर्ट के निर्णय से डरकर नेहरू ने आपातकाल लागू किया।
वर्मा ने कहा कि कांग्रेस के नेताओं को न तो संविधान पर भरोसा है, न ही लोकतंत्र पर, और न ही चुनाव आयोग पर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश आगे बढ़ रहा है, इसलिए यह लोग बौखलाए हुए हैं और झूठ बोल रहे हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का अपमान केवल उनका नहीं, बल्कि पूरे देश का अपमान है। जनता ने उन्हें चुना है, और अब जनता सब जान चुकी है।
वोटर सूची पर वर्मा ने कहा कि किसी भी चुनाव में वोटर सूची की समीक्षा की जाती है। यह पुराना है कि कौन से वोट बढ़ेंगे और कौन से घटेंगे। एसआईआर पूरे देश में लागू किया जा रहा है, इसलिए यह लोग अफवाह फैला रहे हैं।
उन्होंने स्पष्ट किया कि जो लोग देश में जन्मे नहीं हैं, उनका नाम वोटर सूची में नहीं आ सकता। यहाँ के नागरिकों के नाम रहेंगे। कई बार एक ही व्यक्ति कई स्थानों से अपना नाम दर्ज करवा लेता था, लेकिन अब ऐसा नहीं चलेगा। चुनाव आयोग स्वतंत्रता से कार्य कर रहा है।