क्या कांग्रेस और राजद के लिए सत्ता का मतलब केवल भ्रष्टाचार है? - नितिन नबीन
सारांश
Key Takeaways
- कांग्रेस और राजद पर भ्रष्टाचार के आरोप।
- तेजस्वी यादव की नेतृत्व क्षमता पर प्रश्न।
- वक्फ बिल की प्रभावशीलता पर विचार।
पटना, 27 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। पूर्व सीबीआई अधिकारी उपेंद्र नाथ बिस्वास ने चारा घोटाले के संदर्भ में यह आरोप लगाया है कि कांग्रेस ने लालू प्रसाद यादव को बचाने के लिए उनकी सहायता की थी। इस खुलासे के बाद राजनीतिक बयानबाजी राज्य में और तेज हो गई है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए मंत्री नितिन नबीन ने कांग्रेस और राजद पर तीखा हमला किया।
नितिन नबीन ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि अब यह स्पष्ट हो गया है कि कांग्रेस के लोग भी चारा घोटाले में संलिप्त थे। उन्होंने कहा, “कांग्रेस ने हमेशा भ्रष्टाचार को जन्म दिया है। अगर लालू ने भ्रष्टाचार किया तो कांग्रेस के नेताओं ने ही उसे बढ़ावा और सुरक्षा दी।”
नबीन ने आगे कहा कि यह स्पष्ट हो चुका है कि कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों के लिए सत्ता का मतलब केवल व्यक्तिगत लाभ और भ्रष्टाचार है। उन्होंने कहा, “मेरा दृढ़ विश्वास है कि जो हम हमेशा से कहते आए हैं कि भ्रष्टाचार कांग्रेस की पहचान है, वह अब सबके सामने स्पष्ट हो गया है।”
महागठबंधन द्वारा तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित किए जाने पर मंत्री नितिन नबीन ने कहा, “जो व्यक्ति अपने परिवार, गठबंधन और पार्टी में ही अलोकप्रिय हो, वह राज्य का नेतृत्व कैसे करेगा?”
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जनता द्वारा चुना जाता है, न कि कुछ दलों के नेताओं द्वारा। अगर नेताओं के कहने से मुख्यमंत्री बन जाता तो हर राज्य में कई मुख्यमंत्री होते। जनता ने तेजस्वी को काम करते हुए देखा है और उन्हें एक नेता के रूप में स्वीकार नहीं किया है।”
नितिन नबीन ने तंज करते हुए कहा कि जो व्यक्ति जनता के बीच नहीं रहता, उसे “जननायक” कहना जनता का अपमान है। आज उनकी तुलना कर्पूरी ठाकुर जैसे समाजवादी नेता से की जा रही है, यह हास्यास्पद है।
वक्फ कानून पर राजद नेता तेजस्वी यादव के हालिया बयान पर भी नितिन नबीन ने पलटवार किया। उन्होंने कहा कि अगर तेजस्वी अवैध जमीन हड़पने वालों का समर्थन करना चाहते हैं तो यह उनका निजी निर्णय है।
मंत्री ने कहा, “वक्फ बिल ने अवैध संपत्ति हासिल करने वालों पर प्रभावी रोक लगा दी है। उन्हें पहले अपने पिता से पूछना चाहिए कि उन्होंने खुद लोकसभा में क्या कहा था। क्या उनके पिता ने ही डाक बंगला जमीन का उदाहरण नहीं दिया था?”
नितिन नबीन ने कहा कि जब पिता और पुत्र के विचारों में इतना अंतर है, तो पहले उन्हें आपसी मतभेद सुलझाना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट कहा, “वक्फ बिल को रोकने की ताकत किसी में नहीं है।”