क्या मिशेल बैचलेट को इंदिरा गांधी शांति पुरस्कार देकर कांग्रेस ने भारतीयों का अपमान किया?
सारांश
Key Takeaways
- कांग्रेस ने मिशेल बैचलेट को पुरस्कार देकर विवाद खड़ा किया।
- गौरव भाटिया ने कांग्रेस पर भारत विरोधी आरोप लगाए।
- मिशेल बैचलेट का भारत के प्रति नकारात्मक दृष्टिकोण है।
- यह मामला भारतीय राजनीति में महत्वपूर्ण मुद्दा बन गया है।
- इस विवाद का प्रभाव आगामी चुनावों पर पड़ सकता है।
नई दिल्ली, 21 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा चिली की पूर्व राष्ट्रपति मिशेल बैचलेट को शांति, निरस्त्रीकरण और विकास के लिए इंदिरा गांधी शांति पुरस्कार देने पर भाजपा ने गंभीर प्रश्न उठाए। भाजपा के प्रवक्ता गौरव भाटिया ने सोनिया गांधी पर भारत विरोधी को पुरस्कार देने का आरोप लगाया और कांग्रेस की तुलना माओवादी संगठन से की।
गौरव भाटिया ने कहा, "कुछ समय पहले प्रधानमंत्री मोदी ने बताया था कि कांग्रेस का डीएनए किस तरह से मुस्लिम-माओवादी बन गया है। जब भारत की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी माओवादी संगठन की तरह कार्य करती है और विदेशों में अपने नेटवर्क को फैलाती है, तो यह अत्यंत चिंताजनक है।" उन्होंने बताया कि इंदिरा गांधी पुरस्कार समारोह में मंच पर भारत का नाम था और पूर्व प्रधानमंत्री का नाम भी। सोनिया गांधी की उपस्थिति में यह पुरस्कार चिली की पूर्व राष्ट्रपति मिशेल बैचलेट को दिया गया।
इस दौरान गौरव भाटिया ने कांग्रेस की इस पुरस्कार समारोह की तस्वीरें दिखाई। जैसे कांग्रेस का डीएनए भारत विरोधी है, वैसे ही जिनको पुरस्कार मिला, वे भी भारत की संप्रभुता पर प्रहार करती हैं। उन्होंने (मिशेल बैचलेट) ह्यूमन राइट्स काउंसिल के 42वें सत्र में सवाल उठाया कि कश्मीर में मानवाधिकारों का उल्लंघन हो रहा है। उन्होंने कहा कि आर्टिकल 370 में बदलाव नहीं किया जाना चाहिए। राहुल गांधी और जॉर्ज सोरोस का एक घनिष्ठ रिश्ता है और जॉर्ज सोरोस का उद्देश्य केवल भारत को नुकसान पहुंचाना और सत्ता परिवर्तन करना है।"
गौरव भाटिया ने जॉर्ज सोरोस और मिशेल बैचलेट की तस्वीरें दिखाते हुए कहा कि ये अंतरराष्ट्रीय शक्तियां जो भारत के खिलाफ काम करती हैं, भारत के संविधान का अपमान करती हैं। अब सोनिया गांधी भी पीछे नहीं हटेंगी। अगर वे गैर-भारत विरोधी बातें करें, तो समझा जा सकता है, लेकिन क्या सोनिया गांधी आज भी अपने आपको भारतीय नहीं मानती हैं? क्या यह उस शपथ का उल्लंघन नहीं है जो उन्होंने ली थी कि वे संप्रभुता की रक्षा करेंगी? क्या यह देश से गद्दारी नहीं है? आज यह कहना गलत नहीं होगा कि कांग्रेस पार्टी गद्दारों की फौज बन गई है। केवल इन्हें सत्ता चाहिए और इसके लिए कांग्रेस किसी भी सीमा तक जा सकती है।
उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी ने मिशेल बैचलेट को शांति, निरस्त्रीकरण और विकास के लिए इंदिरा गांधी पुरस्कार देकर हर भारतीय का अपमान किया है। मिशेल भारतीय नागरिक भी नहीं हैं, फिर भी उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में सीएए को लेकर याचिका दायर की है, जिसमें दावा किया गया कि इससे मानवाधिकारों का उल्लंघन होगा। क्या यह सब सोनिया और राहुल गांधी के कहने पर किया गया था?