क्या कांग्रेस बाबा साहेब के संविधान का पालन करने वाली पार्टी है?: इमरान प्रतापगढ़ी

सारांश
Key Takeaways
- कांग्रेस बाबा साहेब के संविधान का पालन करने का दावा करती है।
- सभी भाषाओं और समुदायों का सम्मान आवश्यक है।
- कानून व्यवस्था को दुरुस्त रखना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है।
- उत्पीड़न के खिलाफ कांग्रेस का स्पष्ट रुख है।
- धार्मिक यात्राओं का सही आयोजन राज्य प्रशासन की जिम्मेदारी है।
मुंबई, १३ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र में हिंदी-मराठी भाषा विवाद पर कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा कि कांग्रेस बाबा साहेब के संविधान का पालन करने वाली पार्टी है। हम संविधान के अनुसार ही चलते हैं।
कांग्रेस सांसद ने रविवार को मुंबई में आयोजित संविधान जिंदाबाद जनसभा कार्यक्रम में भाग लिया। इस कार्यक्रम में कांग्रेस के अन्य वरिष्ठ नेता भी उपस्थित थे। उन्होंने राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए महाराष्ट्र के ज्वलंत मुद्दे हिंदी-मराठी भाषा विवाद पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि हम कांग्रेस पार्टी के सदस्य हैं और सभी भाषाओं, धर्मों, जातियों और समुदायों का समान रूप से सम्मान करते हैं। हम समानता के पक्षधर हैं। डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर, जो इसी महाराष्ट्र से थे, ने एक ऐसा संविधान लिखा, जो इस देश के प्रत्येक नागरिक को समान घोषित करता है। कानून व्यवस्था को दुरुस्त रखने का कार्य राज्य सरकार की जिम्मेदारी है।
महायुति सरकार पर तंज कसते हुए कांग्रेस सांसद ने पूछा कि आज महाराष्ट्र की कानून व्यवस्था क्यों खराब है? इसकी जिम्मेदारी किसकी होनी चाहिए? किसी राज्य की कानून व्यवस्था खराब होने पर इसकी जिम्मेदारी राज्य सरकार और वहां की पुलिस की होती है।
हिंदी भाषियों की पिटाई पर उन्होंने कहा कि हमारा पक्ष स्पष्ट है, हम सभी भाषाओं का सम्मान करते हैं। हम उत्पीड़न के खिलाफ हैं। हम राहुल गांधी के सिपाही हैं। नफरत छोड़ो, भारत जोड़ो हमारा नारा है। कश्मीर से कन्याकुमारी के बीच कई भाषाएं हैं। राहुल गांधी लोगों को जोड़ने वाली शख्सियत हैं। मैंने पहले भी कहा है और आगे भी कहूंगा कि हम उत्पीड़न के खिलाफ हैं।
कांवड़ यात्रा पर उन्होंने कहा कि धार्मिक यात्रा को सफलतापूर्वक कराने की जिम्मेदारी राज्य सरकार और पुलिस की है। कांवड़ यात्रा के दौरान कई हिस्सों से ऐसी खबरें सामने आई हैं, जहां कांवड़ियों पर उत्पात मचाने के आरोप लगाए गए हैं। दूसरी ओर कांवड़ियों के लिए जगह-जगह सामाजिक संस्थाओं द्वारा कैंप लगाए गए हैं, जहां भोजन से लेकर शुद्ध जल की व्यवस्था की गई है।