क्या कांग्रेस की दमनकारी सोच में कोई बदलाव आया है?

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क्या कांग्रेस की दमनकारी सोच में कोई बदलाव आया है?

सारांश

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आरएसएस और भाजपा पर लगाए आरोपों का जोरदार जवाब दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की दमनकारी सोच आज भी वैसी ही है, जैसा कि आपातकाल में था। जानें इस मुद्दे पर और क्या कहा धर्मेंद्र प्रधान ने।

Key Takeaways

  • कांग्रेस की दमनकारी सोच में कोई बदलाव नहीं आया है।
  • आरएसएस के खिलाफ झूठ का सहारा लिया जा रहा है।
  • सरदार पटेल की विरासत को नजरअंदाज किया जा रहा है।
  • कांग्रेस की राजनीतिक रणनीति असहमति को दबाना है।
  • आरएसएस ने 100 वर्षों की राष्ट्र सेवा की है।

नई दिल्ली, 31 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के उस बयान पर तीखा जवाब दिया है, जिसमें उन्होंने आरएसएस और भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए थे।

धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि आपातकाल से लेकर अब तक कांग्रेस पार्टी की दमनकारी सोच में कोई सुधार नहीं हुआ है। यह उनकी पहचान बन चुकी है।

उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष आज सिर्फ अपने राजनीतिक फायदे के लिए झूठ का सहारा ले रहे हैं, जबकि कांग्रेस ने हमेशा सरदार पटेल साहब की विरासत को नजरअंदाज किया है। अब वे अचानक सरदार पटेल साहब के नाम का इस्तेमाल कर आरएसएस जैसे राष्ट्र सेवा में लगे संगठन के खिलाफ झूठ फैलाने का प्रयास कर रहे हैं।

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि लोकतंत्र में असहमति के खिलाफ पूरे देश को जेलखाना बना देने वाली कांग्रेस की मानसिकता द्वारा प्रतिबंध लगाने की बात करना कोई नई बात नहीं है। पहले भी इस पार्टी ने अपनी सत्ता और तुष्टिकरण की राजनीति को बनाए रखने के लिए आरएसएस पर प्रतिबंध लगाने का प्रयास किया है।

धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि ये वही लोग हैं जो पीएफआई जैसे आतंकवादी संगठनों को अपने राज्य सरकारों के दौरान बढ़ावा देते हैं। दूसरी ओर, ये राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के खिलाफ हमेशा विषवमन करते रहते हैं। लेकिन, आरएसएस मां भारती की सेवा में लगातार आगे बढ़ता रहा है। ऐसी कांग्रेस की धमकियों के बावजूद, आरएसएस ने अपने गौरवमयी 100 वर्षों की राष्ट्र सेवा की यात्रा पूरी की है, जिसका साक्षी पूरा देश है।

असल में, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक वीडियो में कहा था कि भाजपा के नेता हमेशा यह कहते हैं कि नेहरू और सरदार पटेल में मतभेद था, जबकि नेहरू ने खुद सरदार पटेल को 'भारत की एकता के शिल्पी' बताया था। वहीं, पटेल साहब ने पंडित नेहरू को 'देश के आदर्श और जनता के नेता' कहा था।

Point of View

यह स्पष्ट है कि राजनीतिक बयानबाजी में तथ्यात्मकता का अभाव है। कांग्रेस का बार-बार आरएसएस पर आरोप लगाना और खुद की दमनकारी मानसिकता को छिपाना, यह दर्शाता है कि राजनीति में तथ्य के बजाय आरोप-प्रत्यारोप का खेल अधिक महत्वपूर्ण हो गया है। देश की भलाई के लिए, हमें राजनीतिक संवाद को सुधारने की आवश्यकता है।
NationPress
01/11/2025

Frequently Asked Questions

कांग्रेस की दमनकारी सोच का क्या मतलब है?
कांग्रेस की दमनकारी सोच का मतलब है कि पार्टी ने हमेशा असहमति को दबाने और अपने राजनीतिक लाभ के लिए झूठ फैलाने की कोशिश की है।
धर्मेंद्र प्रधान ने खड़गे के बयान पर क्या कहा?
धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि कांग्रेस की सोच में कोई बदलाव नहीं आया है और वे सरदार पटेल की विरासत को नजरअंदाज कर रहे हैं।