क्या आनंदू अजी की आत्महत्या के बाद आरआरएस के स्याह पहलू को उजागर करना जरूरी है?

सारांश
Key Takeaways
- आरएसएस की गतिविधियों पर कांग्रेस की गहन जांच की मांग
- आनंदू अजी की आत्महत्या के संदर्भ में गंभीर चिंताएं
- प्रधानमंत्री मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाए गए
- आरएसएस के गुप्त पहलुओं को उजागर करने की आवश्यकता
नई दिल्ली, १३ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस ने सोमवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की गतिविधियों की गहन जांच की मांग की। मीडिया एवं प्रचार विभाग के अध्यक्ष पवन खेड़ा ने केरल के आरएसएस स्वयंसेवक आनंदू अजी की आत्महत्या का जिक्र करते हुए कहा कि बेहद गोपनीयता से काम करने वाले इस संगठन के स्याह पहलू को उजागर करना आवश्यक है।
पवन खेड़ा ने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी कार्यालय में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि आरएसएस का पर्दाफाश होना जरूरी है और उसके तथाकथित मूल्यों और राष्ट्रवाद के पर्दे के पीछे जो कुछ चल रहा है, उसे पूरे देश के सामने लाना चाहिए।
खेड़ा ने केंद्र की भाजपा सरकार में आरएसएस द्वारा हर चीज पर पूर्ण नियंत्रण का जिक्र करते हुए कहा कि यह आरएसएस की, आरएसएस द्वारा और आरएसएस के लिए सरकार है।
कांग्रेस नेता ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट डालने के बाद आनंदू अजी द्वारा की गई आत्महत्या का जिक्र करते हुए कहा कि यह उस बात की पुख्ता पुष्टि है जो पहले से ही ज्ञात थी, लेकिन जिस पर खुलकर चर्चा नहीं हुई थी।
खेड़ा ने ऐसे गंभीर खुलासों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आरएसएस नेतृत्व की चुप्पी पर निराशा व्यक्त की। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री ने लाल किले की प्राचीर से कहा था कि उनकी सरकार आरएसएस की ऋणी है। उन्होंने कहा, "अब प्रधानमंत्री मोदी के बोलने का समय आ गया है।"
वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने इस पर आश्चर्य व्यक्त किया कि केरल पुलिस ने एफआईआर में आरएसएस का नाम नहीं लिया, जबकि आनंदू ने स्पष्ट रूप से संगठन का नाम लिया था।
उन्होंने पूछा कि आरएसएस को किस बात का डर है कि एफआईआर में उसका नाम नहीं है?
उन्होंने आरएसएस की स्थापना के सौ साल पूरे होने पर मनाए जा रहे समारोहों पर भी सवाल उठाए, जिसमें डाक टिकट और सिक्का जारी करना भी शामिल है, क्योंकि आरएसएस की शाखाओं और उसके प्रशिक्षण शिविरों में अनजाने में शामिल होने वाले बच्चों के शोषण के गंभीर आरोप लगे हैं।