क्या कांग्रेस का सिंबल हार की गारंटी बन चुका है? : शाहनवाज हुसैन
सारांश
Key Takeaways
- शाहनवाज हुसैन ने कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाए।
- कांग्रेस का चिन्ह अब हार की गारंटी बन गया है।
- बिहार चुनाव में एनडीए की बंपर जीत हुई।
नई दिल्ली-पटना, 18 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। भाजपा के वरिष्ठ नेता शाहनवाज हुसैन ने कांग्रेस पार्टी पर हमला बोलते हुए कहा कि आज कांग्रेस का चुनाव चिन्ह जीत का प्रतीक नहीं, बल्कि हार की गारंटी बन गया है। यह बयान तब आया है, जब हाल ही में बिहार चुनाव में एनडीए की शानदार जीत के बाद विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाए।
शाहनवाज हुसैन ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि कांग्रेस को भयानक हार का सामना करना पड़ा। दिल्ली में उन्हें एक भी सीट नहीं मिली, जबकि बिहार में छह सीटें जीतने में सफलता प्राप्त की। ये सीटें उन उम्मीदवारों द्वारा जीती गईं हैं जो अपनी योग्यता के आधार पर सफल हुए। आज कांग्रेस का चुनाव चिन्ह हार की गारंटी बन गया है।
उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस पार्टी ने मर्यादा को भूलकर अभद्र भाषा का प्रयोग किया है। पीएम मोदी के खिलाफ वोटर अधिकार यात्रा के दौरान की गई आपत्तिजनक टिप्पणियों ने जनता को नाराज कर दिया। चुनावी परिणाम इस बात का प्रमाण हैं कि कांग्रेस को अपने कार्यों का परिणाम भुगतना पड़ा है।
राहुल गांधी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि वे कहते थे कि उनके पास हाइड्रोजन बम है, लेकिन लगता है कि वह खुद उनके लिए विस्फोटक साबित हुआ और उन्हें बिहार में केवल छह सीटें मिलीं।
हुसैन ने कहा कि कांग्रेस को इस हार पर आत्मचिंतन करना चाहिए कि उनकी स्थिति इतनी खराब क्यों हुई।
पटना में भाजपा नेता राजू सिंह ने कहा कि हार के बाद आरोप लगाना महागठबंधन की पूर्व निर्धारित साजिश है। जब ये लोग हारते हैं, तो ईवीएम और चुनाव आयोग पर आरोप लगाते हैं और वोट चोरी की बातें करते हैं।
जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर के बारे में उन्होंने कहा कि चुनाव प्रबंधन करना और चुनाव लड़ना अलग-अलग कार्य हैं। यह बात प्रशांत किशोर को समझ आ गई होगी।
उन्होंने कहा कि बिहार की जनता ने इतना बड़ा जनादेश दिया है और पीएम मोदी बिहार की जनता के सम्मान में आ रहे हैं।
भाजपा नेता जीवन कुमार ने कहा कि रॉबर्ट वाड्रा कोई राजनीतिक व्यक्ति नहीं हैं, बल्कि एक भ्रष्ट व्यक्ति हैं। वे राजनीति या जनादेश को नहीं समझते हैं। जब उनकी पार्टी इंदिरा गांधी जैसे नेताओं के नेतृत्व में सत्ता में थी, तब उन्होंने केवल भ्रष्टाचार किया।