क्या मॉइश्चराइजर से भी खत्म नहीं हो रही सर्दियों में रूखेपन की समस्या? ‘अभ्यंग' है इसका प्राकृतिक समाधान

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क्या मॉइश्चराइजर से भी खत्म नहीं हो रही सर्दियों में रूखेपन की समस्या? ‘अभ्यंग' है इसका प्राकृतिक समाधान

सारांश

सर्दियों में त्वचा के रूखेपन से परेशान हैं? जानिए कैसे आयुर्वेद का 'अभ्यंग' आपको दे सकता है राहत। यह प्राकृतिक तेल मालिश न केवल आपकी त्वचा को मुलायम बनाएगी, बल्कि आपकी सेहत में भी सुधार लाएगी।

Key Takeaways

  • अभ्यंग त्वचा को नर्म बनाता है।
  • यह तनाव को कम करता है।
  • रक्त संचार में सुधार लाता है।
  • नियमित अभ्यंग से सेहत में सुधार होता है।
  • घर पर आसानी से किया जा सकता है।

नई दिल्ली, 18 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। सर्दियों का मौसम आते ही एक ओर जहां खानपान का आनंद लेते हैं, वहीं दूसरी ओर सबसे बड़ी समस्या त्वचा के रूखेपन की होती है। इसका समाधान आयुर्वेद के अभ्यंग में छिपा है।

मॉइश्चराइजर लगाने के बावजूद भी कई लोगों को कोई राहत नहीं मिलती। ऐसे में आयुर्वेद का यह सदियों पुराना उपचार ‘अभ्यंग’ एक प्रभावी और प्राकृतिक उपाय है। अभ्यंग आयुर्वेद की एक पारंपरिक तेल मालिश तकनीक है, जिसमें पूरे शरीर पर हल्का गर्म यानी गुनगुना हर्बल तेल लगाकर विशेष तरीके से मालिश की जाती है। यह न केवल त्वचा को मुलायम बनाता है बल्कि हेल्दी भी करता है।

आयुर्वेदाचार्य बताते हैं कि हर दिन सिर्फ 10-15 मिनट का अभ्यंग करने से त्वचा में नमी बनी रहती है और रूखापन दूर होता है।

भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के अनुसार, नियमित अभ्यंग से त्वचा मुलायम होती है, रक्त संचार बेहतर होता है और शरीर स्वस्थ रहता है। अभ्यंग में खास ध्यान सिर, गर्दन, कंधे, पीठ और पैरों के तलवों पर दिया जाता है, क्योंकि इन जगहों पर नर्वस सिस्टम के कई महत्वपूर्ण सिरे होते हैं। इनकी मालिश से तनाव कम होता है, नींद अच्छी आती है और पूरा शरीर तरोताजा महसूस करता है।

आयुर्वेदाचार्य बताते हैं कि सर्दियों में तिल का तेल, बादाम तेल या नारियल तेल से अश्वगंधा, ब्राह्मी और चंदन जैसी जड़ी-बूटियां मिलाकर अभ्यंग करना सबसे ज्यादा फायदेमंद होता है। धूप में बैठकर सरसों का तेल भी बेहद फायदेमंद होता है। ये तेल गहराई तक जाकर त्वचा को पोषण देते हैं और ठंड से होने वाली खुश्की की समस्या को जड़ से खत्म करते हैं।

खास बात यह है कि अभ्यंग घर पर भी आसानी से किया जा सकता है। सुबह नहाने से पहले या रात को सोने से पहले गुनगुने तेल से मालिश करनी चाहिए। अभ्यंग न केवल त्वचा को निखारता और मुलायम बनाता है, बल्कि पूरे शरीर और मन को स्वस्थ रहने के साथ-साथ एनर्जी से भरपूर बनाए रखता है। हफ्ते में प्रतिदिन या 3 से 4 बार अभ्यंग करने से कई लाभ मिलते हैं।

Point of View

आयुर्वेद का अभ्यंग एक प्राचीन और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से सिद्ध उपचार है, जो आज के समय में भी उतना ही प्रभावी है। सर्दियों में जब त्वचा रूखी हो जाती है, तब इस तकनीक का उपयोग करना न केवल स्वास्थ्य के लिए अच्छा है, बल्कि यह प्राकृतिक और सुलभ भी है।
NationPress
18/11/2025

Frequently Asked Questions

अभ्यंग क्या है?
अभ्यंग एक पारंपरिक आयुर्वेदिक तेल मालिश है जो शरीर के विभिन्न हिस्सों पर गुनगुने हर्बल तेल से की जाती है।
क्या अभ्यंग से त्वचा की समस्याएं ठीक हो सकती हैं?
जी हां, नियमित अभ्यंग से त्वचा में नमी बनी रहती है और रूखापन दूर होता है।
अभ्यंग करने का सही समय क्या है?
अभ्यंग सुबह नहाने से पहले या रात को सोने से पहले किया जा सकता है।
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