क्या कांग्रेस की अलगाववादी मानसिकता है, जब अजय कुमार सिक्किम को पड़ोसी देश कहते हैं?

सारांश
Key Takeaways
- सिक्किम को पड़ोसी देश बताना विवादित है।
- भाजपा ने इसे कांग्रेस की अलगाववादी मानसिकता का संकेत माना।
- राजनीतिक बयानबाजी से एकता पर प्रभाव पड़ सकता है।
- कांग्रेस और मुस्लिम लीग की तुलना पर विवाद जारी।
- इस प्रकार के बयानों से राजनीतिक ध्रुवीकरण बढ़ सकता है।
मुंबई, २ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस के नेता अजय कुमार द्वारा ‘सिक्किम को पड़ोसी देश’ बताने पर भाजपा ने प्रतिक्रिया दी है। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता तुहिन सिन्हा ने कहा कि अजय कुमार सिक्किम को भारत का हिस्सा नहीं मान रहे हैं, जो कि कांग्रेस पार्टी की मानसिकता को स्पष्ट रूप से दर्शाता है।
भाजपा के प्रवक्ता तुहिन सिन्हा ने कहा, "कांग्रेस नेता अजय कुमार का ‘सिक्किम को पड़ोसी देश’ बताने वाला बयान अत्यंत निंदनीय है। यह कांग्रेस की अलगाववादी और टुकड़े-टुकड़े वाली मानसिकता को उजागर करता है। मैं हैरान हूं कि अजय कुमार एक आईपीएस अधिकारी रह चुके हैं और उन्हें भारत के मानचित्र का ज्ञान होना चाहिए, फिर भी उनका यह बयान कांग्रेस की माओवादी मानसिकता को दर्शाता है।"
उन्होंने आगे कहा, "जब भारत और चीन के बीच विवाद हुआ था, तो उस समय राहुल गांधी चीनी एम्बेसी गए थे और जानकारी इकट्ठा करने में लगे थे। यह एक संयोग है या प्रयोग? डोकलाम विवाद के समय राहुल गांधी चीनी एम्बेसी में थे और अब अजय कुमार सिक्किम को भारत का हिस्सा नहीं मान रहे हैं। यह कांग्रेस पार्टी की मानसिकता को स्पष्ट करता है। कांग्रेस को देश को जवाब देना चाहिए।"
भाजपा प्रवक्ता तुहिन सिन्हा ने कांग्रेस की तुलना मुस्लिम लीग से की। उन्होंने कहा, "मैंने पहले भी कहा है और आज भी कहता हूं कि कांग्रेस पार्टी वर्तमान की मुस्लिम लीग है। हाल ही में केरल उपचुनाव में कांग्रेस ने जमात-ए-इस्लामी के साथ मिलकर साठगांठ की थी और उनकी मदद भी ली थी। इसके अलावा, प्रियांक खड़गे ने धमकी दी है कि अगर २०२९ में कांग्रेस सत्ता में आई तो आरएसएस पर प्रतिबंध लगा देगी। आपको समझना चाहिए कि इसका साफ मतलब है कि आरएसएस ही एकमात्र ऐसा संगठन है, जिसने कट्टरपंथी समूहों के खिलाफ लड़ाई लड़ी है। कांग्रेस को यह बर्दाश्त नहीं हो रहा है।"
उन्होंने आगे कहा, "कांग्रेस इस देश में शरिया चाहती है। संविधान के प्रति उनके मन में कोई श्रद्धा नहीं है, इसलिए वे जमात-ए-इस्लामी के साथ खुलकर समझौता कर रहे हैं। मुझे लगता है कि दक्षिण भारत में अगर किसी संगठन ने पीएफआई से लड़ाई की है तो वो आरएसएस है। कांग्रेस देश में संविधान की जगह शरिया लाना चाहती है, जो खतरनाक है।"