क्या कांग्रेस की चुप्पी 'वोट चोरी' में एक बड़ी वजह है? : प्रियंका कक्कड़

सारांश
Key Takeaways
- भाजपा और चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप
- कांग्रेस की चुप्पी पर सवाल
- बिहार में वोटिंग प्रक्रिया की अनियमितताएं
- डिजिटल डाटा की हानि
- लोकतंत्र के लिए यह खतरा
नई दिल्ली, १२ अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। आम आदमी पार्टी (आप) ने भाजपा और चुनाव आयोग पर चुनाव प्रक्रिया में धांधली करने का गंभीर आरोप लगाते हुए कांग्रेस को भी इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है।
प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि भाजपा और चुनाव आयोग की ‘वोट चोरी’ का एक बड़ा कारण कांग्रेस की खामोशी है। जब ‘आप’ ने दिल्ली में मतदाता सूची से नाम काटने, गुजरात में अपने प्रत्याशी को हाउस अरेस्ट करने और चंडीगढ़ में मेयर चुनाव के दौरान वोटों में छेड़छाड़ के मामलों को उजागर किया, तब कांग्रेस चुप रही। कांग्रेस महाराष्ट्र और कर्नाटक की बात करती है, लेकिन दिल्ली की 'वोट चोरी' पर कुछ नहीं कहती, यह उसका दोहरापन दर्शाता है।
उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस की इसी चुप्पी के चलते बिहार में एसआईआर प्रक्रिया के जरिए असली वोटरों के नाम काटे जा रहे हैं और नकली वोटर जोड़े जा रहे हैं। बिहार में ३८ में से २८ जिले बाढ़ प्रभावित हैं और वहाँ बीएलओ मानसून के दौरान डेढ़ महीने के भीतर फॉर्म इकट्ठा कर नागरिकता जांच करते हैं, जबकि यह अधिकार केवल केंद्र सरकार के पास है। चुनाव आयोग ने ८ अगस्त को ६५ लाख मतदाताओं के नाम सूची से हटाए जाने की जानकारी दी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट में यह बताने से इनकार कर दिया कि किन लोगों के नाम और किस वजह से हटाए गए। यह चुनाव की निष्ठा पर गंभीर सवाल है।
उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग ने अपनी वेबसाइट से उत्तर प्रदेश और बिहार का डिजिटल डाटा हटा दिया है और उसकी जगह स्कैन कॉपियां डाल दी हैं, ताकि कंप्यूटर से जानकारी निकाली न जा सके।
उन्होंने वाल्मीकी नगर का उदाहरण देते हुए बताया कि वहाँ ५ हजार नकली वोटर जोड़े गए, जिनमें “डॉग बाबू”, “कैट कुमार”, “डोनाल्ड ट्रंप” और “पीके कुमार” जैसे नाम शामिल हैं। भाजपा ने चुनाव आयोग के साथ मिलकर 'वोट चोरी' का एक “वैध तरीका” खोज लिया है, जैसा कि इलेक्टोरल बॉंड के जरिए काले धन को वैध बनाया गया था।
उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, “जब दिल्ली में भाजपा 'वोट चोरी' कर रही थी, तब कांग्रेस नेताओं का कहना था कि लोगों को इससे फर्क नहीं पड़ता कि उनका नाम वोटर लिस्ट में है या नहीं। उस समय कांग्रेस को लोकतंत्र खतरे में नहीं दिखा, लेकिन आज दिख रहा है। यह कांग्रेस का दोहरापन है।”