क्या नवजोत कौर सिद्धू को कांग्रेस छोड़कर किसी और पार्टी में जाना चाहिए?
सारांश
Key Takeaways
- नवजोत कौर सिद्धू के बयानों ने कांग्रेस में अंतर्कलह को बढ़ावा दिया है।
- सुरेंद्र राजपूत ने उनके मानसिक स्वास्थ्य पर सवाल उठाए हैं।
- भाजपा ने कांग्रेस पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं।
नई दिल्ली, 7 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। पंजाब की पूर्व मंत्री नवजोत कौर सिद्धू के बयानों के चलते कांग्रेस पार्टी में अंतर्कलह उत्पन्न हो गई है। पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत ने नवजोत कौर सिद्धू पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है और उन्हें पार्टी छोड़ने की सलाह भी दी है।
सुरेंद्र राजपूत ने नवजोत कौर सिद्धू के आरोपों का जवाब देते हुए कहा, "उन्हें मानसिक स्वास्थ्य की समस्या हो सकती है और उन्हें चिकित्सकीय सहायता की आवश्यकता है।"
उन्होंने आगे कहा, "नवजोत कौर सिद्धू और नवजोत सिंह सिद्धू दोनों ही भाजपा से कांग्रेस में आए थे। क्या वे भाजपा के लिए कुछ खास लेकर आए थे? नवजोत कौर सिद्धू को समझना चाहिए कि वे वही थीं, जो हमेशा कांग्रेस की प्रशंसा करती थीं। अगर दवाओं का असर हो गया है, तो हमें उन पर प्रतिक्रिया देने की आवश्यकता नहीं है।"
राजपूत ने कहा, "अगर उनके पास कोई ठोस सबूत है, तो उन्हें इसे सार्वजनिक करना चाहिए। यदि वे किसी अन्य पार्टी में जाना चाहती हैं, तो उन्हें स्वतंत्रता है, लेकिन अनर्गल बातें करना उचित नहीं है, क्योंकि ऐसी बातें घातक हो सकती हैं।"
इससे पहले, नवजोत कौर सिद्धू ने यह दावा किया था कि 'मुख्यमंत्री वही बनता है जो 500 करोड़ रुपये की अटैची देता है।'
शनिवार को चंडीगढ़ में मीडिया से बातचीत करते हुए नवजोत कौर ने कहा, "नवजोत सिंह सिद्धू तभी सक्रिय राजनीति में लौटेंगे जब कांग्रेस उन्हें पंजाब में पार्टी का मुख्यमंत्री चेहरा घोषित करेगी। उनके पास किसी पार्टी को पैसे देने के लिए नहीं हैं, लेकिन वे पंजाब को एक 'सुनहरा राज्य' बना सकते हैं। हमारे पास 500 करोड़ रुपये नहीं हैं, जो हम मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठने के लिए दे सकें। जो 500 करोड़ रुपये की अटैची देता है, वही मुख्यमंत्री बनता है।"
नवजोत कौर सिद्धू के आरोपों के बाद भाजपा भी कांग्रेस पर हमलावर हो गई है। भाजपा की आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने 'एक्स' पोस्ट में कहा, "इस तरह के आरोप पहले भी छत्तीसगढ़, तेलंगाना और कर्नाटक जैसे राज्यों में सामने आए हैं, जहां कांग्रेस के कई नेताओं ने पार्टी के अंदरूनी भ्रष्टाचार पर चिंता जताई है। किसी भी लोकतंत्र में जवाबदेही और पारदर्शिता आवश्यक है। ये आरोप गांधी परिवार से जवाब मांगते हैं।"