क्या कांग्रेस में संगठनात्मक कमजोरी और गुटबाजी है?
सारांश
Key Takeaways
- संगठनात्मक कमजोरी कांग्रेस की एक प्रमुख समस्या है।
- गुटबाजी के कारण निर्णय प्रक्रिया प्रभावित हो रही है।
- उदित राज ने आत्मचिंतन को महत्वपूर्ण बताया।
- कांग्रेस की परंपरा में चर्चा करना शामिल है।
- कर्नाटक में बुलडोजर कार्रवाई को लेकर विचार साझा किए गए हैं।
नई दिल्ली, 29 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के बयान के बाद पूर्व सांसद उदित राज ने मान्यता दी है कि पार्टी में संगठनात्मक कमजोरी विद्यमान है। उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी में गुटबाजी अत्यधिक है, जिसके चलते 10-10 साल तक जिला अध्यक्षों का चयन नहीं हो सका।
उदित राज से दिग्विजय सिंह के बयानों पर सवाल किया गया था। उन्होंने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि यदि पार्टी में संगठनात्मक कमजोरी नहीं होती, तो हम बार-बार चुनाव में हार का सामना नहीं करते।
उन्होंने कहा, "संगठनात्मक कमजोरी है और इसमें कोई संदेह नहीं है। 10-10 साल तक जिला अध्यक्ष तय नहीं हो सके, क्योंकि गुटबाजी के कारण दूसरे या तीसरे समूह ने इसे रोका।" उन्होंने आगे कहा, "आत्मचिंतन करना एक स्वस्थ लोकतंत्र की पहचान है। लेकिन यहाँ आत्मचिंतन को लोग विरोध समझते हैं।"
हालांकि, उदित राज ने कहा कि चर्चा करना कांग्रेस की परंपरा है और हम अपनी कमियों को दूर करने का प्रयास कर रहे हैं।
इससे पहले, दिग्विजय सिंह ने संगठनात्मक कमजोरी की बात की थी। हाल ही में उन्होंने कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में संगठन को मजबूत करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
कर्नाटक में बुलडोजर कार्रवाई पर कांग्रेस नेता ने कहा, "सरकारी भूमि पर अतिक्रमण हटाने के लिए बुलडोजर चलता है। जाति और धर्म के आधार पर बुलडोजर चलाना और गिराना अलग बात है। लेकिन कर्नाटक में सरकारी संपत्ति खाली कराने के लिए बुलडोजर चलाया गया है।"
उदित राज ने कांग्रेस नेता प्रवीण चक्रवर्ती के तमिलनाडु के कर्ज़ की स्थिति पर बयान पर कहा, "तमिलनाडु में अधिकांश निवेश, मैन्युफैक्चरिंग और सेवा क्षेत्र बढ़ रहा है। अगर कर्ज़ है, तो दूसरी ओर आय और नौकरियाँ भी हैं। जीडीपी और मैन्युफैक्चरिंग का स्तर बहुत उच्च है।"