क्या कांग्रेस ने हमेशा आदिवासी समाज के हितों की रक्षा की है? : दिग्विजय सिंह

सारांश
Key Takeaways
- युवा आदिवासी नेतृत्व को सशक्त बनाने का महत्व।
- भाजपा की आदिवासियों के प्रति नकारात्मक दृष्टिकोण।
- कांग्रेस की आदिवासी अधिकार की रक्षा की प्रतिबद्धता।
- धर्म परिवर्तन के अधिकार पर चर्चा।
- आदिवासी संस्कृति की सुरक्षा का प्रयास।
बैतूल, १६ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश के बैतूल जिले के भैंसदेही विधानसभा मुख्यालय पर मध्य प्रदेश आदिवासी कांग्रेस द्वारा लीडरशिप डेवलपमेंट प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। इस तीन दिवसीय शिविर में मंगलवार को पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भाग लिया, जिन्होंने युवा आदिवासी नेतृत्व को सशक्त बनाने पर जोर दिया।
दिग्विजय सिंह ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए भाजपा सरकार पर हमला किया। उन्होंने कहा, "भाजपा की विचारधारा पूरी तरह से संकुचित है और वे भारतीय संविधान को भी नहीं समझते। आदिवासी प्रकृति के पूजक हैं, लेकिन भाजपा उन्हें वनवासी कहना चाहती है। सच यह है कि भारत की सबसे पुरानी जनसंख्या आदिवासियों की है। हम सभी सेंट्रल एशिया से आए हैं, इसलिए पहला अधिकार आदिवासियों का ही है।"
दिग्विजय सिंह ने कहा, "संविधान हर व्यक्ति को आस्था के अनुसार धर्म पालन का अधिकार देता है। फिर आलोचना किस बात की? हर व्यक्ति का संवैधानिक अधिकार है कि वह अपनी आस्था के अनुसार धर्म का पालन करे। धर्म परिवर्तन यदि स्वप्रेरणा या आस्था से होता है, तो वह कोई अपराध नहीं। लेकिन जबरदस्ती या प्रलोभन से किया जाए, तो वह कानूनी अपराध है।"
उन्होंने भाजपा पर आदिवासियों की पहचान को धूमिल करने का आरोप लगाया। शिविर में युवाओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, "कांग्रेस ने हमेशा आदिवासियों के अधिकारों की रक्षा की है और भाजपा का वनवासी मॉडल उनकी सांस्कृतिक पहचान को मिटाने का प्रयास है।"
इस कार्यक्रम में आदिवासी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष विक्रांत भूरिया भी उपस्थित थे, जिन्होंने बताया कि राहुल गांधी ने पूरे देश में युवा आदिवासी नेतृत्व तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी है। भूरिया ने बताया, "इसी के तहत हम प्रदेश स्तर पर ट्रेनिंग कैंप चला रहे हैं। पहले मोहनखेड़ा में पांच दिवसीय शिविर आयोजित किया गया। अब भैंसदेही में तीन दिवसीय 'आदिवासी अधिकार और सशक्तिकरण शिविर' हो रहा है। उद्देश्य है कि युवा पीढ़ी को कांग्रेस के योगदान, आदिवासियों के अधिकारों और उनके शोषण के बारे में बताया जाए। हर जिले में ऐसे शिविर आयोजित करेंगे।"