क्या भगवान-पैगंबर के प्रति प्रेम दिखाना गलत है? : कांग्रेस नेता सुरेंद्र राजपूत

सारांश
Key Takeaways
- भगवान और पैगंबर के प्रति प्रेम दिखाना एक सकारात्मक कदम है।
- कट्टरवादी राजनीति के खिलाफ आवाज उठाना आवश्यक है।
- सुरेंद्र राजपूत ने आजम खान के मामले में भाजपा की राजनीति की आलोचना की।
- बाढ़ नियंत्रण के लिए केंद्र सरकार को दीर्घकालिक योजनाएं बनानी चाहिए।
लखनऊ, 24 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। 'आई लव मोहम्मद' के विवाद पर चर्चा खत्म होती नहीं दिख रही है। इस विषय पर कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत ने अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने इसे प्रेम प्रदर्शित करने का एक माध्यम बताया और कहा कि भगवान या पैगंबर के प्रति प्रेम दिखाना कोई गलत बात नहीं है।
कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत ने 'आई लव मोहम्मद' विवाद पर राष्ट्र प्रेस से बात करते हुए कहा, "किसी भी पैगंबर के प्रति अपने प्रेम, सद्भाव और समर्पण को दर्शाने में मुझे कोई समस्या नहीं नजर आती। चाहे मोहम्मद साहब हों, भगवान राम हों या अन्य देवी-देवता, उनके प्रति प्रेम प्रदर्शित करना एक सकारात्मक कदम है। मुझे लगता है कि भगवान या पैगंबर के प्रति प्रेम दिखाना गलत नहीं है, लेकिन इस मुद्दे पर कट्टरवादी राजनीति करने वालों के खिलाफ एक अभियान चलाना चाहिए।"
अखिलेश यादव द्वारा आजम खान के खिलाफ सभी मुकदमों को खत्म करने के बयान पर भी सुरेंद्र राजपूत ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, "उनके खिलाफ क्या मामले हैं? आजम खान एक प्रमुख जनप्रतिनिधि हैं, जिन्होंने समाज में अच्छे मानदंड बनाए रखे हैं। क्या आजम खान मुर्गे चुराएंगे? क्या वह बकरियां चुराएंगे? क्या वह शराब की दुकान लूटेंगे? भाजपा सरकार ने उनके खिलाफ जो मुकदमे दर्ज किए हैं, वह केवल शत्रुता का परिणाम हैं।"
सुरेंद्र राजपूत ने केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह और ओवैसी पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, "गिरिराज सिंह हमेशा हिंदू-मुसलमान की बातें करते हैं। उनकी भाषा में भारत-पाकिस्तान और मस्जिदों के नीचे मंदिरों को खोजने का जिक्र रहता है। वे अपने विभाग की बात नहीं करते। ओवैसी बिहार के सीमांचल दौरे पर जा रहे हैं, लेकिन मैं उनसे पूछता हूं कि वे पिछले पांच वर्षों में कितनी बार सीमांचल आए हैं।"
पश्चिम बंगाल में बाढ़ के हालात पर सुरेंद्र राजपूत ने कहा, "बाढ़ से देशभर में भारी नुकसान हुआ है। पिछले 11 वर्षों से देश में भाजपा की सरकार है। उत्तराखंड, यूपी और बिहार में भी भाजपा की सरकारें हैं। उन्हें यह बताना चाहिए कि बाढ़ नियंत्रण के लिए पिछले 11 वर्षों में क्या किया गया है। केंद्र सरकार को इस पर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए और एक दीर्घकालिक योजना पर काम करना चाहिए।"