क्या बिहार में सफल रही वोटर अधिकार यात्रा? कांग्रेस नेताओं का दावा

सारांश
Key Takeaways
- वोटर अधिकार यात्रा ने 1300 किलोमीटर की यात्रा की।
- बिहार की जनता ने यात्रा में भरपूर समर्थन दिया।
- यात्रा का उद्देश्य मतदाता अधिकारों की रक्षा करना था।
- कांग्रेस नेताओं का मानना है कि यह यात्रा बदलाव को सुनिश्चित करेगी।
- यात्रा ने लोकतंत्र के मुद्दों को राष्ट्रीय स्तर पर उठाया।
पटना, 1 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय राय, कांग्रेस नेता पवन खेड़ा, और अविनाश पांडे का कहना है कि 'वोटर अधिकार यात्रा' अत्यंत सफल रही है। उनका दावा है कि कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के साथ बिहार की जनता खड़ी है, 16 दिनों में अपार प्रेम मिला है, और बिहार में बदलाव निश्चित है।
'वोटर अधिकार यात्रा' की शुरुआत सासाराम से हुई थी, जिसे राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के नेतृत्व में आयोजित किया गया।
यह यात्रा मतदाता सूची में संभावित गड़बड़ियों और विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया के विरोध में निकाली गई थी, जिसे विपक्ष ने 'मतदाता चोरी' का आरोप लगाते हुए एक जन जागरूकता अभियान के रूप में प्रस्तुत किया। यात्रा ने 16 दिनों में 20 से अधिक जिलों को कवर करते हुए लगभग 1300 किलोमीटर की यात्रा की और 1 सितंबर को पटना में समाप्त हुई। कांग्रेसी नेताओं का मानना है कि यह यात्रा अपने उद्देश्यों में सफल रही है, क्योंकि इसने मतदाता अधिकारों और लोकतंत्र की रक्षा के मुद्दे को राष्ट्रीय स्तर पर उठाया।
'वोटर अधिकार यात्रा' पर पवन खेड़ा ने कहा, "यह पूरे देश की भावना बनने जा रही है क्योंकि यह मुद्दा सीधे तौर पर लोगों की पहचान और अस्तित्व से जुड़ा है। स्वाभाविक रूप से लोगों के मन में गुस्सा और आक्रोश है, इसीलिए वे सड़कों पर उतर रहे हैं और हमारे साथ खड़े हैं।"
चुनाव आयोग पर कांग्रेस नेताओं ने कहा कि हमने बस यही पूछा था कि ये नाम कैसे हटाए गए और इन लोगों को मृत कैसे घोषित कर दिया गया। हमारे पास दस्तावेज हैं और अगर वे फिर भी झूठ बोलना चाहते हैं, तो जनता देख रही है।
अविनाश पांडे ने कहा कि गांधी मैदान से यह आवाज पूरे देश में गूंजेगी। राहुल गांधी के साथ बिहार की जनता का समर्थन है। जो लोग लोकतंत्र को कमजोर करके और संविधान के खिलाफ साजिश रचकर सत्ता में आए हैं, उन्हें जवाब देना होगा।
अजय राय ने कहा कि परिवर्तन होने जा रहा है। आज जिस तरह से बिहार की जनता सड़कों पर उतरी है, वह दिखाता है कि परिवर्तन होगा। चुनाव आयोग हो या सरकार, अब राहुल गांधी को रोक नहीं पाएंगे। जनता समझ चुकी है। वह जननायक हैं, और गांव-गांव में इस यात्रा को समर्थन मिला है।