क्या कांग्रेस अपने अलावा किसी और को महागठबंधन का नेतृत्व नहीं सौंपेगी? केसी त्यागी
सारांश
Key Takeaways
- महागठबंधन का नेतृत्व कांग्रेस के हाथ में है।
- बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन को हार मिली।
- टीएमसी नेताओं का कहना है कि ममता बनर्जी को नेतृत्व मिलना चाहिए।
- केसी त्यागी ने जनाधार चोरी के आरोप लगाए।
- शपथ ग्रहण समारोह 20 नवंबर को होगा।
नई दिल्ली, 19 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के प्रमुख नेता केसी त्यागी ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा है कि यह पार्टी महागठबंधन का नेतृत्व किसी अन्य को सौंपने के लिए तैयार नहीं है।
केसी त्यागी का यह बयान उस समय आया है जब बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन को कठोर हार का सामना करना पड़ा। इस बीच, बंगाल में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर टीएमसी के नेता यह सुझाव दे रहे हैं कि महागठबंधन का नेतृत्व मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को सौंपा जाना चाहिए।
जदयू नेता ने कहा कि नीतीश कुमार ने इंडिया महागठबंधन की नींव रखी थी, और जब कांग्रेस से उन्हें स्वीकार नहीं किया गया तो क्या ममता बनर्जी को कैसे स्वीकार किया जा सकता है? यह एक नकारात्मक दृष्टिकोण है।
बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की हार के बाद, विपक्ष लगातार चुनाव आयोग और वोट चोरी के मुद्दे को उठाता रहा है। इसके संबंध में केसी त्यागी ने कहा कि कोई वोट चोरी नहीं हुई। वे भूल गए हैं कि असली मुद्दा जनाधार चोरी का था। विपक्ष ने ऐसे आरोप लगाए जिनका कोई आधार नहीं था।
केसी त्यागी ने व्यंग्य करते हुए कहा कि असल में वोट चोरी नहीं हुई, बल्कि जनाधार की चोरी हो गई है। पूरे चुनाव के दौरान विपक्ष ने नकारात्मक राजनीति में समय बिताया। उन्होंने बेतुके आरोप लगाए। केसी त्यागी ने कहा कि कांग्रेस सांसद राहुल गांधी कभी भी नहीं चाहते थे कि तेजस्वी यादव को सीएम का चेहरा बनाया जाए, लेकिन उन्हें मजबूरन ऐसा करना पड़ा। इसका परिणाम कांग्रेस को भुगतना पड़ा है, और अब कांग्रेस बिहार में न्यूनतम स्कोर पर पहुंच गई है।
उन्होंने बिहार में शपथ ग्रहण समारोह के बारे में कहा कि 1995 से उनका भाजपा के साथ गठबंधन है। तब समता दल था, अब जनता दल (यूनाइटेड) है। उनके बीच वैचारिक और संगठनात्मक रूप से कोई समस्या नहीं है। 20 नवंबर को सुबह 11 से 12 बजे के बीच शपथ ग्रहण समारोह होगा।