क्या राजकुमार हिरानी ने दोस्तों की सलाह से बॉलीवुड की ब्लॉकबस्टर दुनिया को गढ़ा?

Click to start listening
क्या राजकुमार हिरानी ने दोस्तों की सलाह से बॉलीवुड की ब्लॉकबस्टर दुनिया को गढ़ा?

सारांश

राजकुमार हिरानी, जिनकी फिल्मों ने बॉलीवुड को नई पहचान दी है, ने दोस्तों की सटीक सलाह से प्रेरित होकर कई यादगार कहानियों को पर्दे पर उतारा। क्या आपने उनकी फिल्मों की गहराई और समाज के प्रति उनकी सोच को समझा?

Key Takeaways

  • राजकुमार हिरानी ने अपने दोस्तों के फीडबैक का उपयोग कर फिल्मों की गुणवत्ता को बढ़ाया।
  • उनकी ब्लॉकबस्टर फिल्मों में समाज की गहरी सोच का समावेश है।
  • फिल्मों के माध्यम से उन्होंने युवाओं के अनुभवों को पर्दे पर उतारा।
  • उनका संघर्ष और सफलता की कहानी प्रेरणादायक है।
  • उन्होंने दोस्ती के महत्व को अपने जीवन में दर्शाया है।

नई दिल्ली, 19 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। कॉलेज और छात्रों के जीवन पर आधारित कई फिल्में बनी हैं। लेकिन, राजकुमार हिरानी ने इस शैली की फिल्मों को ऐसा ट्रीटमेंट दिया कि कोई भी बॉलीवुड की पारंपरिक फिल्मों से ऊब चुका दर्शक कहने से नहीं चूका 'सुबह हो गई मामू'। ‘मुन्नाभाई एमबीबीएस’, ‘थ्री इडियट्स’, ‘पीके’ और ‘संजू’ जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्में राजकुमार हिरानी की ही रची गई कहानियां थीं।

राजकुमार हिरानी एक ऐसे फिल्म निर्माता हैं, जिन्हें भागदौड़ का हिस्सा नहीं बनना था, बल्कि समाज और युवाओं के उस पहलू को उजागर करना था, जिसे हर कोई कहीं न कहीं जी चुका है।

दिलचस्प बात यह है कि इतनी सुपरहिट फिल्में देने वाले फिल्मकार राजकुमार हिरानी को अपनी फिल्मों की गुणवत्ता का सही और गलत होने का फीडबैक अपने करीबी दोस्तों से ही मिलता था। उनके पास ऐसे मित्र थे, जो आम दर्शकों की तरह सटीक समीक्षाएं देते थे। यह जानकारी खुद राजकुमार हिरानी ने एक इंटरव्यू में साझा की थी।

उन्होंने कहा, "मेरा एक दोस्त नागपुर से है, जिसे मैंने अपनी हर फिल्म दिखाई, क्योंकि वह मेरे स्कूली दिनों का भी मित्र है। वह मुझे स्पष्ट रूप से बताता है कि फिल्म में क्या सही है या नहीं। ऐसे कुछ अन्य दोस्त भी हैं, जो मुझे साफ-साफ बता देते हैं।"

दोस्तों से जुड़े किस्से सुनाते हुए राजकुमार हिरानी ने कहा, "एक दोस्त ने बताया था कि उनकी जिंदगी में पहली बार बेटे ने एयरपोर्ट पर उनका बैग उठाया था। जो फिल्म से जुड़ी कहानी से कहीं न कहीं जुड़ता था।"

उन्होंने आगे कहा, "एक अन्य दोस्त ने मुझे मैसेज किया और कहा कि काश हमारी जिंदगी में भी सुनील दत्त (एक फिल्म का जिक्र करते हुए) होते तो शायद हम और कम गलतियां करते।"

राजकुमार हिरानी का जन्म 20 नवंबर 1962 को महाराष्ट्र के नागपुर में एक सिंधी परिवार में हुआ।

उनके पिता, सुरेश, भारत-पाक विभाजन के समय सिंध (अब पाकिस्तान) से भारत आए थे। उस समय सुरेश की उम्र मात्र 14 वर्ष थी।

उनके पिता ने नागपुर में एक टाइपिंग संस्थान की स्थापना की। शुरू में उनके पास केवल दो टाइपराइटर थे। कुछ ही महीनों में, उन्होंने प्रतिदिन 16 बैचों में लगभग 1,000 छात्रों को प्रशिक्षण देना शुरू कर दिया। हालांकि, जल्द ही टाइपराइटर्स की जगह कंप्यूटरों ने ले ली और व्यवसाय बंद करना पड़ा।

हालांकि, हिरानी के माता-पिता चाहते थे कि वह चार्टर्ड अकाउंटेंट बनें, लेकिन उनका रुझान रंगमंच और अभिनय की ओर अधिक था। अपने कॉलेज के दिनों में, वह हिंदी रंगमंच में सक्रिय रूप से शामिल रहे।

अपने बेटे के अभिनेता बनने के सपने को देखते हुए, माता-पिता ने उनके सपने को पूरा करने के लिए हर संभव प्रयास किया। परिणामस्वरूप, उन्होंने हिरानी को मुंबई के एक एक्टिंग स्कूल में भेजा। हालांकि, वह विद्यालय के माहौल में ढल नहीं पाए और कुछ दिनों बाद अपने घर वापस आ गए।

इसके बाद, हिरानी ने पुणे स्थित भारतीय फिल्म और टेलीविजन संस्थान (एफटीआईआई) में निर्देशन का कोर्स किया। बहुत अधिक आवेदकों के कारण उनके चयन की संभावनाएं कम थीं। हार मानकर, उन्होंने एडिटिंग कोर्स चुना।

पढ़ाई पूरी होने के बाद, हिरानी ने फिल्म संपादक बनने के लिए मुंबई में कई वर्षों तक संघर्ष किया। सफलता न मिलने पर, उन्होंने विज्ञापन के क्षेत्र में कदम रखा, जहाँ उन्होंने धीरे-धीरे खुद को व्यावसायिक विज्ञापनों के निर्देशक के रूप में स्थापित किया। इसके तुरंत बाद, उन्होंने खुद कई विज्ञापनों में काम करना शुरू कर दिया।

बी-टाउन में एंट्री का उनका सपना जल्द ही हकीकत का रूप लेने लगा, जब निर्देशक विधु विनोद चोपड़ा ने उन्हें फिल्म '1942: ए लव स्टोरी' के प्रोमो और ट्रेलर पर काम करने के लिए बुलाया। एक संपादक के रूप में हिरानी की पहली बड़े बजट की फिल्म 'मिशन कश्मीर' (2000) थी।

हिरानी की निर्देशन में बनी पहली फिल्म, 'मुन्ना भाई एमबीबीएस (2003)' ने उन्हें फिल्म उद्योग में पहचान दिलाई। निर्देशक के रूप में उनका सपना उनकी अगली 3 फिल्मों, 'लगे रहो मुन्ना भाई (2006)', 'थ्री इडियट्स (2009)' और 'पीके (2014)' की सफलता के साथ जारी रहा। पुरस्कारों की बात करें तो राजू हिरानी ने 4 राष्ट्रीय पुरस्कार और 11 फिल्मफेयर पुरस्कार जीते।

Point of View

बल्कि यह अपने सपनों के पीछे भागने वाले हर व्यक्ति की प्रेरणा भी है। उनके अनुभव यह दर्शाते हैं कि कैसे दोस्ती और सच्चा फीडबैक सफलता की कुंजी हो सकते हैं।
NationPress
19/11/2025

Frequently Asked Questions

राजकुमार हिरानी की सबसे प्रसिद्ध फिल्म कौन सी है?
राजकुमार हिरानी की सबसे प्रसिद्ध फिल्म 'मुन्नाभाई एमबीबीएस' है, जिसने उन्हें फिल्मी दुनिया में पहचान दिलाई।
राजकुमार हिरानी ने कितने राष्ट्रीय पुरस्कार जीते हैं?
राजकुमार हिरानी ने 4 राष्ट्रीय पुरस्कार जीते हैं।
राजकुमार हिरानी का जन्म कब हुआ था?
राजकुमार हिरानी का जन्म 20 नवंबर 1962 को हुआ था।
राजकुमार हिरानी की फिल्मों का मुख्य विषय क्या है?
राजकुमार हिरानी की फिल्मों का मुख्य विषय समाज और युवा जीवन की वास्तविकताएं होती हैं।
राजकुमार हिरानी के दोस्त उनकी फिल्मों पर क्या सलाह देते थे?
राजकुमार हिरानी के दोस्त उन्हें स्पष्ट और सटीक फीडबैक देते थे, जो उनकी फिल्मों की गुणवत्ता में मददगार साबित हुआ।
Nation Press