क्या राहुल गांधी वास्तव में 'प्रोपेगेंडा के नेता' हैं?

Click to start listening
क्या राहुल गांधी वास्तव में 'प्रोपेगेंडा के नेता' हैं?

सारांश

भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने राहुल गांधी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वे विपक्ष के नेता नहीं, बल्कि 'प्रोपेगेंडा के नेता' हैं। यह बयान उनके भारतीय लोकतंत्र और संविधान के प्रति दृष्टिकोण को दर्शाता है। जानिए इस विवाद के पीछे की सच्चाई।

Key Takeaways

  • राहुल गांधी पर भाजपा के आरोपों की गंभीरता का विश्लेषण
  • संविधान और लोकतंत्र की रक्षा का दायित्व
  • भाजपा प्रवक्ता का बयान और उसके परिणाम

नई दिल्ली, 19 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर तंज कसते हुए कहा कि वे सुपारी लेकर संवैधानिक संस्थाओं को बदनाम करने का प्रयास कर रहे हैं। वे केवल विपक्ष के नेता नहीं हैं, बल्कि एक प्रोपेगेंडा के नेता हैं।

राष्ट्र प्रेस से बातचीत में भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि राहुल गांधी का विपक्ष के नेता होना केवल प्रोपेगेंडा का नेता होना है। वह लगातार विदेश जाकर भारत की व्यवस्था पर सवाल उठाते हैं। यदि वह चुनाव जीतते हैं तो चुनाव आयोग और ईवीएम पर कोई सवाल नहीं उठाते, लेकिन हारने पर इन पर सवाल खड़े कर देते हैं। जब उन्हें किसी मुकदमे में राहत मिलती है तो न्याय प्रणाली पर विश्वास करते हैं, लेकिन जब किसी मामले में झटका लगता है तो सवाल उठाते हैं। चुनावों में हारने पर लोकतंत्र पर खतरे का भी जिक्र करते हैं।

भाजपा प्रवक्ता ने बाबा साहेब अंबेडकर के संविधान का उल्लेख करते हुए कहा कि राहुल गांधी संविधान की रक्षा की बात करते हैं जबकि वे स्वयं संविधान का पालन नहीं करते। उनकी मानसिकता आपातकाल के समय के नेताओं जैसी है।

उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को संवैधानिक संस्थाओं के खिलाफ बयान नहीं देना चाहिए। वे संविधान भक्षक हैं, रक्षक नहीं।

कांग्रेस सांसद शशि थरूर द्वारा पीएम मोदी की प्रशंसा करने पर भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि यदि थरूर प्रधानमंत्री की तारीफ करते हैं तो उन पर फतवा जारी कर दिया जाता है। जब वे वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी जी को जन्मदिन की बधाई देते हैं तो भी यही होता है। यदि वे ऑपरेशन सिंदूर में सेना का समर्थन करते हैं तो भी फतवा जारी कर दिया जाता है। यह दर्शाता है कि जो पार्टी अपने भीतर लोकतंत्र नहीं ला सकती, वह देश में क्या लाएगी।

राहुल गांधी लगातार चुनाव आयोग पर आरोप लगाते रहे हैं। बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान उन्होंने इसे मुद्दा बनाया था। हालांकि, अब देश के 200 से अधिक पूर्व अधिकारियों ने आरोप लगाया है कि राहुल गांधी चुनाव आयोग की छवि को धूमिल करने का प्रयास कर रहे हैं।

Point of View

यह स्पष्ट है कि राजनीतिक संवाद में गंभीरता और जिम्मेदारी की आवश्यकता है। विपक्ष का कर्तव्य है कि वह अपने प्रश्नों को संवैधानिक संस्थाओं के प्रति सम्मान के साथ प्रस्तुत करे।
NationPress
19/11/2025

Frequently Asked Questions

क्या राहुल गांधी का आरोप सही है?
भाजपा प्रवक्ता ने राहुल गांधी पर आरोप लगाए हैं, लेकिन यह राजनीतिक दृष्टिकोण पर निर्भर करता है।
राहुल गांधी का राजनीतिक इतिहास क्या है?
राहुल गांधी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेता हैं और उन्होंने कई बार चुनाव लड़ा है।
क्या यह विवाद चुनावी राजनीति में आम है?
हाँ, चुनावी राजनीति में इस तरह के आरोप और जवाब आम बात हैं।
Nation Press