क्या लगातार पराजय से कांग्रेस पार्टी हताश है? : सुधांशु त्रिवेदी

सारांश
Key Takeaways
- कांग्रेस पर ओछी राजनीति का आरोप
- आरएसएस के कार्यकर्ताओं के बलिदान की चर्चा
- राजनीतिक असफलताओं का असर
नई दिल्ली, १३ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। केरल के एलिकुलम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के युवा कार्यकर्ता आनंदू अजी के निधन पर भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने गहरा दुख व्यक्त किया और कांग्रेस पर निम्न स्तर की राजनीति करने का आरोप लगाया।
भाजपा सांसद त्रिवेदी ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा, "यह एक अत्यंत दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। भाजपा शोक संतप्त परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदना प्रकट करती है। हम मांग करते हैं कि इस रहस्यमय घटना की जल्दी से जल्दी गहन, स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच हो।"
उन्होंने कहा, "इस घटना की दुखदता से भी अधिक दुखद कांग्रेस पार्टी द्वारा इस पर ओछी राजनीति करना और आरएसएस को बदनाम करने का प्रयास करना है, जो कि कांग्रेस के पुरातन इतिहास के अनुरूप है। पिछले ७५-८० वर्षों में कांग्रेस ने आरएसएस को कानूनी रूप से रोकने का प्रयास किया, लेकिन हर बार वह अदालत की चौखट पर विफल रही। कांग्रेस ने आरएसएस के खिलाफ विभिन्न प्रकार के दुष्प्रचार और षड्यंत्र रचने का प्रयास किया है। अब ऐसा लगता है कि कांग्रेस पार्टी जो कर रही है, वह उनकी आदत के अनुसार है। कांग्रेस लगातार मिल रही राजनीतिक असफलताओं के कारण ऐसा कर रही है।
त्रिवेदी ने कहा, "इस दुखद घटना के ऊपर कांग्रेस द्वारा की गई राजनीति न केवल निंदनीय है, बल्कि यह उनकी निम्न स्तर की मानसिकता को भी दर्शाती है। आरएसएस के अनेक स्वयंसेवकों ने स्वतंत्र भारत में राष्ट्रहित के लिए अनेक बलिदान दिए हैं। केरल में आरएसएस के स्वयंसेवकों की जिन हत्याओं का सामना करना पड़ा, उसके बावजूद वे राष्ट्रहित के लिए हमेशा संलग्न रहे।"
त्रिवेदी ने कहा, "कानूनी दृष्टि से कांग्रेस का प्रतिबंध पूरी तरह से निराधार था। १९९३ से आज तक अपनी लगातार राजनीतिक पराजय के कारण कांग्रेस ने एक बार फिर आरएसएस की हिंदुत्ववादी विचारधारा के प्रति अपनी हताशा और पूर्वाग्रह को उजागर किया है।"