क्या कांग्रेस पार्टी को शशि थरूर की सलाह पर ध्यान नहीं देना चाहिए?: तुहिन सिन्हा

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क्या कांग्रेस पार्टी को शशि थरूर की सलाह पर ध्यान नहीं देना चाहिए?: तुहिन सिन्हा

सारांश

क्या कांग्रेस पार्टी को अपने वरिष्ठ नेता शशि थरूर की सलाह पर ध्यान देना चाहिए? तुहिन सिन्हा के इस सवाल में एक गंभीर संदेश छिपा है। जानिए कैसे कांग्रेस पार्टी अपने निर्णयों में गलती कर रही है।

Key Takeaways

  • विदेश नीति में शशि थरूर का अनुभव महत्वपूर्ण है।
  • कांग्रेस को थरूर की सलाह पर ध्यान देना चाहिए।
  • कांग्रेस की आलोचनाएं देश की वैश्विक छवि को नुकसान पहुंचा रही हैं।
  • 1975 के आपातकाल की यादें आज भी ताजा हैं।
  • कांग्रेस का वर्तमान रवैया लोकतंत्र के लिए खतरा है।

मुंबई, 24 जून (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय प्रवक्ता तुहिन सिन्हा ने कांग्रेस पार्टी पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि विदेश नीति के संदर्भ में वरिष्ठ नेता शशि थरूर के अनुभव को अनदेखा करना पार्टी की एक बड़ी गलती है।

सिन्हा ने कहा कि विदेश नीति के मामले में कांग्रेस में शशि थरूर से अधिक अनुभवी कोई नहीं है। अगर वह बार-बार कहते हैं कि ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से भारत को उल्लेखनीय सफलता मिली है, तो कांग्रेस को उनकी बातों को गंभीरता से लेना चाहिए। कांग्रेस देश के हितों के खिलाफ काम कर रही है, और ऐसा लगता है कि पार्टी ने देश के दुश्मनों से सुपारी ले ली है। थरूर की विदेश नीति में विशेषज्ञता को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस को उनकी सलाह पर विचार करना चाहिए, न कि मोदी सरकार की विदेश नीति की आलोचना में उलझना चाहिए।

सिन्हा ने कहा, "शशि थरूर जैसे अनुभवी नेता लगातार सोनिया गांधी और राहुल गांधी को सही दिशा दिखाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन कांग्रेस उनकी सलाह को अनसुना कर रही है। यह पार्टी की दिशाहीनता को दर्शाता है।"

उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस की आलोचनाएं देश की वैश्विक छवि को नुकसान पहुंचाने के सुनियोजित प्रयास हैं। ऑपरेशन सिंदूर ने भारत की कूटनीतिक ताकत को दुनिया के सामने प्रस्तुत किया है, लेकिन कांग्रेस इसे कमजोर करने में जुटी हुई है।

इसके अलावा, तुहिन सिन्हा ने 1975 के आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ पर कांग्रेस पर लोकतंत्र को कमजोर करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि 24-25 जून, 1975 की मध्य रात्रि को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आपातकाल लागू कर संविधान की हत्या की थी। उस समय की भयावह यादें आज भी लोगों के मन में ताजा हैं। 50 साल बाद भी कांग्रेस का रवैया नहीं बदला है। उनके नेता राहुल गांधी भारत की वैश्विक छवि को धूमिल करने, चुनाव आयोग पर निराधार हमले करने और न्यायपालिका को बदनाम करने की कोशिशों में लगे हुए हैं।

उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस लोकतांत्रिक संस्थाओं के प्रति उपेक्षा दिखा रही है। यह पार्टी आज भी उसी मानसिकता के साथ काम कर रही है, जिसने 1975 में लोकतंत्र को कुचला था। कांग्रेस का वर्तमान रवैया देश के लोकतांत्रिक मूल्यों और संस्थाओं के लिए एक बड़ा खतरा है।

Point of View

हमें हमेशा देश के हितों और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करनी चाहिए। कांग्रेस का रवैया इस दिशा में चिंताजनक है। हमें सभी पक्षों की बात सुननी चाहिए, लेकिन देश और लोकतंत्र की भलाई हमेशा पहले आनी चाहिए।
NationPress
24/06/2025

Frequently Asked Questions

तुहिन सिन्हा ने कांग्रेस पर किस मुद्दे पर हमला किया?
तुहिन सिन्हा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी विदेश नीति में शशि थरूर के अनुभव को नजरअंदाज कर रही है।
क्या शशि थरूर की सलाह पर कांग्रेस को ध्यान देना चाहिए?
सिन्हा का मानना है कि थरूर की सलाह को गंभीरता से लेना चाहिए, क्योंकि उनकी विदेश नीति में विशेषज्ञता है।
कांग्रेस का वर्तमान रवैया क्या दर्शाता है?
कांग्रेस का रवैया दिशाहीनता को दर्शाता है और यह देश के लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए खतरा है।